भारतीय वायु सेना ने सोमवार देर रात करीब साढ़े 3 बजे पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कैंप को तबाह कर दिया. इस काम को वायु सेना के मिराज 2000 के जरिए अंजाम दिया गया. भारत की इस कार्रवाई के बाद जहां देश में खुशी का माहौल है. वहीं इस पर नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है. इसी के तहत जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बयान दिया है. महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'शिक्षित लोग भी युद्ध की संभावना पर खुशी मना रहे हैं. ये बात मुझे परेशान कर रही है. जहालत है ये सब.'
बैगर दिमाग लगाए ही अपनी चीजों को फैलाना शुरू कर दिया है
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कई ट्वीट करके भारत की कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दी. मुफ्ती ने कहा, 'आज IAF के हमले के बाद ट्विटर और समाचार चैनलों पर बड़े पैमाने पर युद्ध के उन्माद जैसी स्थिति है. इनमें से अधिकांश लोग अज्ञानी हैं, जिन्होंने बगैर दिमाग लगाए ही अपनी चीजों को फैलाना शुरू कर दिया है. मेरा कहना बस इतना है कि आखिरी कैसे शिक्षित लोग भी युद्ध की संभावना पर खुशी भी मना रहे हैं. यही सच में जहालत है.'
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शांति की पक्षधर हूं, अनगिनत लोगों के बलिदान करने बचाना चाहूंगी
अपने दूसरे ट्वीट में महबूबा ने कहा, 'यदि मेरा विरोध अनावश्यक विरोध है तो ऐसा ही सही है. मैं सिर्फ शांति के पक्ष में हूं और मैं सामूहिक अहंकार को संतुष्ट करने के लिए अनगिनत लोगों के बलिदान करने से बचाना चाहूंगी और गर्व और देशभक्ति की गलत भावना को खत्म करूंगी.
लोग खून के लिए तरस रहे हैं और बदला लेना चाहते हैं
उन्होंने पुलवामा हमले की जिक्र करते हुए कहा कि पुलवामा हमलों ने निस्संदेह देश के माहौल को खराब कर दिया है. लोग खून के लिए तरस रहे हैं और बदला लेना चाहते हैं. यह कहते हुए कि दुनिया के किस हिस्से में शांति की वकालत की जा रही है और न चाहते हुए भी हिंसा को देशद्रोही बना दिया जाता है?
दोनों पक्ष के हित सध रहे हैं
महबूबा ने ट्वीट किया है कि भारतीय वायुसेना द्वारा तड़के किए गए हमलों के बाद अलग-अलग बयान आ रहे हैं. विदेश सचिव के आधिकारिक बयान में दावा किया गया है कि आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर बमबारी की गई है जबकि पाकिस्तान ने इससे इंकार किया है. उसका कहना है कि दिखने के बाद विमान जल्दीबाजी में वापस लौट गए. आशा करती हूं कि दोनों पक्षों के हित सध रहे हैं.
पूर्व सीएम ने कहा कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए एक सामंजस्यपूर्ण रुख अपनाना चाहिए. या फिर, पहले से ही अस्थिर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी और हमेशा की तरह कश्मीरी सबसे ज्यादा हताहत होंगे.
Source : News Nation Bureau