पुलवामा में हुए सीआरपीएफ जवानों की शहादत का बदला भारत ने ले लिया है. भारतीय वायु सेना ने साढ़े तीन बजे पाकिस्तान के बालाकोट, चकोटी, मुजफ्फराबाद में सर्जिकल स्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों 1000 किलोग्राम बम बरसाए.जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को नेस्तोनाबूद करने के लिए जिस बम का इस्तेमाल उस बम का नाम थाउसेंड पाउंडर नामक बम है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन शक्तिशाली बम का निर्माण जबलपुर की आयुध निर्माणी खमरिया में होता है.
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जबलपुर की आयुध निर्माणी खमरिया अभी 100 से 120 किलो एरियल बम का बॉडी तैयार करती है. इसके अलावा एमुनेशन बॉक्स, हैंड ग्रेनेड और सुरंगरोधी बम भी बनाए जाते हैं.
एक हिंदी वेबसाइट की मानें तो भारतीय वायुसेना के करीब 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने आतंकी कैंपों पर इन्हीं बमों से हमला किया है. थाउसेंड पाउंडर बम की सेना में सबसे ज्यादा मांग है. इसमें अलग-अलग मारक क्षमता के हिसाब से बारूद भरा होता है. साथ ही लेजर गाइडेड और जीपीएस से लैस होता हैं.
बता दें कि वायु सेना के लिए तैयार किए जाने वाले इन बमों का आर्मी डे पर जनता के सामने प्रदर्शन भी किया जा चुका है.
Source : News Nation Bureau