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भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (फाइल फोटो)
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भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (फाइल फोटो)
पिछले साल उरी हमले के बाद भारतीय सेना के 'सर्जिकल स्ट्राइक' को एक साल पूरा होने जा रहा है। 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने 'सर्जिकल स्ट्राइक' करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों को ध्वस्त करते हुए कई आतंकियों को मार गिराया था।
सर्जिकल स्ट्राइक के एक साल पूरा होने को लेकर भारतीय सेना एक बार फिर पाकिस्तानी गतिविधियों को देखते हुए चौकन्ना हो गई है।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान की तरफ से हो रही आतंकियों गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। रावत ने कहा है कि वह आतंकियों को उनके कब्र में दफनाने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, 'हम किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए तैयार हैं। आतंकवादी सीमा के उस पार तैयार हैं और हम सीमा के इस तरफ उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं। हम उनका स्वागत करेंगे और उन्हें उनकी कब्र में दफन कर देंगे।'
सोमवार को जनरल बिपिन रावत ने कहा कि पिछले वर्ष नियंत्रण रेखा के पार जाकर की गई 'सर्जिकल स्ट्राइक' पाकिस्तान के लिए एक संदेश था और जरूरत पड़ने पर ऐसी कार्रवाई और की जाएंगी।
रावत ने 'इंडियाज मोस्ट फीयरलेस' नामक किताब के लोकार्पण के बाद कहा, 'स्ट्राइक एक संदेश था, जिसे हम देना चाहते थे। मैं समझता हूं कि वह हमारे संदेश को समझ गए हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसी कार्रवाई फिर की जा सकती है।'
#SurgicalStrikes were a message we communicated, if required, if the adversary does not behave & if we have to continue...: Army Chief 1/2 pic.twitter.com/Z0aQRCN68m
— ANI (@ANI) September 25, 2017
इस किताब में म्यांमार सीमा और नियंत्रण रेखा के पार की गई 'सर्जिकल स्ट्राइक' के बारे में सामग्री है। रावत ने कहा कि आतंकवादी लगातार आते रहेंगे और भारतीय सैनिक उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं।
बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में जिन 4 आतंकियों को मारा गया है, वह सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लेने की रणनीति से सीमा के अंदर घुसे थे। लेकिन सुरक्षाबलों ने उनके मंसूबों के सफल होने से पहले ही खत्म कर दिया।
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Source : News Nation Bureau