28-29 सिंतबर की आधी रात, सेना के 19 जाबांजों ने हिंदुस्तानी आर्मी के हौसलों की अमर कहानियों में एक और अध्याय जोड़ दिया, और वो था 'सर्जिकल स्ट्राइक'।
'पैराशूट रेजीमेंट' के बहादुर सैनिक अफसरों ने दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय सेना किसी से कम नहीं और देश की आन-बान-शान के खिलाफ जुर्रत करने वाले दुश्मनों को किसी हाल में छोड़ने वाली नहीं...
सर्जिकल स्ट्राइक की ख़बरें जब अगले दिन मीडिया रिपोर्ट्स में आने लगीं और जब सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए इसकी पुष्टि की तो देश का सिर फक्र से ऊंचा उठ गया।
यह ख़बर जब आग की तरह फैलने लगी तो शुरुआत में पाकिस्तान ने इसका खंडन किया लेकिन बात में पाकिस्तान को इस कड़वे सच को स्वीकार करना पड़ा।
शुरूआत में पाकिस्तानी सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन से साफ इंकार करते हुए कहा था, 'भारत की ओर से किसी तरह के सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम नहीं दिया गया बल्कि यह सीमा पार से होने वाली साधारण फायरिंग थी।'
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पाकिस्तान की सेना ने ज़ोर देते हुए कहा था कि पाकिस्तानी सेना ने भारत की ओर से हुई फायरिंग का करारा जवाब दिया है।
भारत के डीजीएमओ लेफ़्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी देते हुए बयान दिया था कि, 'पुख़्ता इंटेलिजेन्स मिलने के बाद भारतीय सेना के विशेष दस्ते ने एलओसी पर मौजूद चरमपंथियों के लॉन्च पैड को निशाना बनाया और उनके कई ठिकानों को नष्ट कर दिया गया है।'
लेकिन पाकिस्तान इससे नकारता रहा। पाकिस्तान के उर्दू दैनिक अख़बार नवा-ए-वक़्त ने लिखा था, 'कोई सबूत न गवाह आज़ाद कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक का नया भारतीय झूठ।'
हालांकि जल्द ही पाकिस्तान को सच स्वीकार करने में दिक्कत नहीं हुई और वहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज श़रीफ ने बयान जारी कर भारत को हिदायत दे दी कि वो उसे कमज़ोर न समझे।
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भारत की पाकिस्तान की सीमा (एलओसी) के अंदर घुसकर आतंकियों के ठिकानों पर किए गए सैनिक ऑपरेशन 'सर्जिकल स्ट्राइक' को पाकिस्तान ने खुद के ऊपर हमला माना।
नवाज शरीफ ने बकायदा बयान जारी कर कहा था, ‘हम शांति चाहते हैं। शांति की चाहत को पाकिस्तान की कमजोरी ना समझा जाए।’
इस घटना के एक साल पूरे होने के बाद आज पाकिस्तान की छवि पूरी विश्व में कमज़ोर हुई है और भारत का कद ऊपर उठा है।
इसकी बानगी हाल ही में संपन्न हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के दरमियान देखने को मिल ही गई जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अंतर्राष्ट्रीय ताकतों के समक्ष पाकिस्तान को आईना दिखाया और पूछा, 'भारत और पाकिस्तान साथ साथ आज़ाद हुए थे लेकिन क्या वजह है कि पाकिस्तान और भारत में बड़ा अंतर है।'
पाकिस्तान से सवाल करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा था, '70 सालों में भारत ने आईआईटी और एम्स जैसे संस्थान बनाए और दुनिया में आईटी हब के तौर पर पहचान बनाई, पाकिस्तान ने क्या दिया?'
इसके बाद पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदायों के सामने खुद की स्थिति संभालता हुआ नज़र आया और भारत को नीचा दिखाने की कोशिश में झूठे सबूत पेश तक करने की कोशिश की।
हालांकि यह सब चालें काम न आ सकीं और पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी जब उसका झूठ उसी बैठक में सबके सामने आ गया।
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Source : News Nation Bureau