रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने उस खबर को खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा था कि सरकार रेलवे का निजीकरण कर सकता है। उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं हो सकता है।
प्रभु का मानना है कि आम आदमी के हितों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता और सार्वजनिक सेवा दायित्व को सहन करना होगा। इस समय भारतीय रेलवे की सार्वजनिक सेवा दायित्व करीब 30 से 35 हजार करोड़ रुपये का है।
प्रभु का कहना है कि भारत में रेलवे आम आदमी के परिवहन के लिए अंतिम उपाय है और इसके लिए रेलवे को इस जिम्मेदारी और बोझ को उठाना ही पड़ेगा।
समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि अगर सोचा जा रहा है कि रलवे के निजीकरण से समस्याएं खत्म हो जाएंगी तो ऐसा नहीं है। दूसरे देशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में बहुत कम ऐसे देश हैं जिन्होंने रेलवे का निजीकरण किया है।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इंग्लैंड में रेलवे का कुछ हिस्से का निजीकरण किया गया। इसे इटली ने खरीदा। इटली की सरकार इसे चला रही है।
उन्होंने कहा कि कौन सी प्राइवेट कंपनी रेलवे को खरीदने की कोशिश करेगी। आपको क्या लगता है कोई निजी एयरलाइन किसान स्पेशल एयरलाइन चलाएगी।
Source : News Nation Bureau