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यूपी में 20 अक्टूबर से शुरू होगा पेराई सत्र - सुरेश राणा

यूपी में 20 अक्टूबर से शुरू होगा पेराई सत्र - सुरेश राणा

Updated on: 27 Sep 2021, 09:20 PM

लखनऊ:

यूपी में गन्ना पेराई का काम 20 अक्टूबर से चालू हो जायेगा। इसके अलावा राज्य में पिपराइच और बलरामपुर पहली चीनी मिलें होंगी, जहां सीधे गन्ने के रस से एथेनॉल बनाने का काम किया जायेगा। यह जानकारी यहां सोमवार को चीनी एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने दी।

गन्ना मंत्री ने यहां पत्रकारों से बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्णय लिया है कि पश्चिमी यूपी की चीनी मिलें 20 अक्टूबर से पेराई शुरू कर देंगी। इसके साथ उन्होंने कहा कि यूपी देश में पहला राज्य बनने वाला है जहां सीधे गन्ने के रस से एथनॉल बनाया जायेगा और इसकी शुरूआत पिपराइच और बलरामपुर चीनी मीलों से होगी। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा की उन्हें भुगतान के लिए चीनी के भाव पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

रविवार को न्यूनतम समर्थन मूल्य में हुई 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि के बारे में राणा ने बताया कि इससे गन्ना किसानों को 4,000 करोड़ रुपये का सीधा फायदा मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से गन्ने की उन्नत प्रजाति में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। जहां 2016-17 में अगैती प्रजाति के गन्ने का क्षेत्रफल 52.83 प्रतिशत था वह चार साल में बढ़ कर 97.92 फीसदी हो गया है। इस तरह 350 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ 98 प्रतिशत किसानों को मिलने वाला है। उन्होंने बताया कि पिछले चार साल में सामान्य और अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने, जिसका मूल्य कम होता है, उसका क्षेत्रफल कम हुआ है।

गन्ना मंत्री ने कहा कि 2016-17 में जो गन्ने की पैदावार 66 टन प्रति हेक्टेयर थी वह पिछले चार साल में बढ़ कर 81.5 टन प्रति हेक्टेयर (815 क्विंटल प्रति हेक्टेयर) हो गयी है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में गन्ने की कुल 2918.53 टन हुई थी, वहीं मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पिछले चार साल में 4289.09 लाख टन पेराई की गयी। इसी तरह गन्ने की फसल का क्षेत्रफल चार साल ने आठ लाख हेक्टेयर बढ़ा है।

राणा ने कहा कि पिछले 25 साल में खांड़सारी का एक भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया था। मुख्यमंत्री योगी योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्रामीण इलाकों का यह उद्योग खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री ने चीनी मिल और खांड़सारी इकाई के बीच के दूरी पहले जो 15 किलोमीटर तय की गयी थी उसको घटा कर 7.5 किलोमीटर कर दिया गया। इसके चलते 270 नये लाइसेंस जारी किये गये और ग्रामीण इलाकों में रोजगार के 50,000 अवसर पैदा हुए।

गन्ना मंत्री ने बताया कि मौजूदा पेराई सत्र में गन्ने का 85 प्रतिशत भुगतान हो चुका है और शेष भुगतान नये पेराई सत्र शुरू होने से पहले कर दिया जायेगा। गन्ना मूल्य के बकाये के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सिर्फ 4,900 करोड़ का भुगतान बाकी है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 साल में मौजूदा पेराई सत्र का यह आज तक का सबसे ज्यादा भुगतान है।

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