पंजाब के पूर्व CM के हत्यारे की सजा पर केंद्र सरकार के असमंजस पर "सुप्रीम" आदेश

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी और 25 साल से जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना कि इस सजा का क्या करना है, इसको लेकर केंद्र सरकार अभी तक असमंजस में है.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी और 25 साल से जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना कि इस सजा का क्या करना है, इसको लेकर केंद्र सरकार अभी तक असमंजस में है.

author-image
Mohit Sharma
New Update
Supreme Court

Supreme Court ( Photo Credit : File Pic)

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी और 25 साल से जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना कि इस सजा का क्या करना है, इसको लेकर केंद्र सरकार अभी तक असमंजस में है. बलवंत ने 2 साल पहले सुप्रीम कोर्ट में क्षमादान की याचिका दायर की थी, लेकिन उस अपील पर अभी तक केंद्र की ओर से स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है. अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कड़े लहजे में 30 अप्रैल तक निर्णय लेने का आदेश दिया है, साथ ही यह भी कहा है कि अगर इसके बाद भी रुख साफ नहीं किया तो गृह सचिव को कोर्ट के सामने व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होना होगा.

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की दोषी की याचिका पर लंबे समय से केंद्र की ओर से कोई रिप्लाई नहीं दिया गया है. जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में बहुत समय बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं किया गया, केंद्र सरकार की ओर से उनके वकील के पास कोई साफ निर्देश नहीं है, इसलिए हम निर्देश देते हैं कि इस मामले की जांच एजेंसी सीबीआई और भारत सरकार 2 सप्ताह के भीतर सजा को लेकर प्रस्ताव या आपत्ति दाखिल करे. राजोआना को 27 जुलाई 2007 को उसके सहयोगी जगतार सिंह हवारा के साथ 31अगस्त, 1995 को पंजाब और हरियाणा सिविल सचिवालय में बम विस्फोट करने मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। इस धमाके में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की मौत हो गई थी.

अक्टूबर 2010 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बलवंत की मौत की सजा को बरकरार रखा था. हालांकि फांसी की सजा पर फैसला होने के बाद शुरुआती सालों में राजोआना ने उनकी मौत की सजा को चुनौती नहीं दी थी लेकिन तब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने मार्च 2012 में राजोआना के क्षमादान  के लिए अलग-अलग दया याचिकाएं दायर की थीं, जिसके चलते सजा लंबित रही. उसके बाद सितंबर 2019 में बलवंत ने केंद्र सरकार के गृह विभाग द्वारा फांसी की सजा के लंबित मामलों में उम्र कैद निर्धारित किए जाने के निर्णय का हवाला देते हुए अपने लिए समाधान की अपील याचिका दायर की, इस याचिका पर अभी तक केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना रुख साफ नहीं किया है. बता दें कि बलवंत सिंह पिछले 25 वर्षों से जेल में बंद है.

Source : Avneesh Chaudhary

Punjab News
      
Advertisment