गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्यों को नोडल ऑफिसर नियुक्त करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने हर राज्य में एक नोडल अफसर नियुक्त करने का निर्देश दिया, जो हर जिले में गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा की घटनाओं पर लगाम लगाना सुनिश्चित करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने हर राज्य में एक नोडल अफसर नियुक्त करने का निर्देश दिया, जो हर जिले में गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा की घटनाओं पर लगाम लगाना सुनिश्चित करेगा।

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्यों को नोडल ऑफिसर नियुक्त करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दिया सख्त आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने हर राज्य में एक नोडल अफसर नियुक्त करने का निर्देश दिया, जो हर जिले में गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा की घटनाओं पर लगाम लगाना सुनिश्चित करेगा।

Advertisment

कोर्ट ने राज्य में एक सीनियर पुलिस अधिकारी की नियुक्ति का आदेश भी दिया है, जो हाइवे पर भी पेट्रोलिंग सुनिश्चित करेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने केन्द्र की दलीलों को सुनने के बाद कहा, 'हम जानते हैं कि राज्यों में कानून है, लेकिन अब तक क्या कार्रवाई हुई है? आप एक योजनाबद्ध कार्रवाई कर सकते हैं, जिससे इस तरह के गौरक्षक पैदा न हो'।

एडिशनल सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने केन्द्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए सुप्रीम कोर्ट को कहा कि किसी भी तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए राज्यों में कानून है।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के डीजीपी और चीफ सेक्रेट्री से कहा कि वो हिंसा पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल कर बताये। हालिया दिनों में बढ़ी हिंसा पर लगाम कसने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह सख्त कदम उठाया है।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'केन्द्र और राज्य सरकारों को गौरक्षकों को कानून अपने हाथ में लेने के खिलाफ कड़ा और आवश्यक कदम उठाने को कहा है।'

गौरक्षको की हिंसा पर लगाम लगाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस ए एम खानविलकर ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आप लोग जानते हैं कि कुछ दिन पहले एक बड़ी सँख्या में पशु मारे गए है, आपको उसके खिलाफ भी याचिका दायर करनी चाहिए।

इससे पहले की सुनवाई में सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस एम. शांतनागौदर की पीठ से कहा, 'हम गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा का समर्थन नहीं करते।'

आपको बता दें कि इस साल राजस्थान के अलवर, झारखंड के रामगढ़, गुजरात और कई अन्य बीजेपी शासित राज्यों में हिंसा की घटनाएं की सामने आई, जिसमें कई लोग मारे भी गए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट हिंसा को रोकन के लिए डाले गए विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा का कई बार विरोध कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद लगातार आए दिन हिंसा और हत्या की घटनाएं सामने आती रहती हैं।

और पढ़ें: गौरी लंकेश के हत्यारे सीसीटीवी में कैद, परिवार का CBI जांच की मांग

Source : News Nation Bureau

Supreme Court SC CJI DIPAK MISRA gaurakshak cow vigilants violence in the name of gauraksha
Advertisment