logo-image

सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में किसानों की ऋण माफी पर लगाई रोक

तमिलनाडु सरकार को राहत प्रदान करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को लागू करने पर रोक लगा दी

Updated on: 03 Jul 2017, 09:09 PM

नई दिल्ली:

तमिलनाडु सरकार को राहत प्रदान करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को लागू करने पर रोक लगा दी, जिसमें सरकार को सहकारी बैंकों से लिए गए सभी किसानों के ऋणों को माफ करने का निर्देश दिया गया था, चाहे उनके पास कितनी ही जमीनें क्यों न हों।

न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर तथा न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने तमिलनाडु सरकार की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। राज्य सरकार ने मई में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

और पढ़ेंः सुशील मोदी का नीतीश कुमार पर हमला, कहा बेमेल गठबंधन की सरकार नहीं चलेगी पांच साल

मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने बीते चार अप्रैल को तमिलनाडु सरकार को सहकारी बैंकों से लिए गए सभी किसानों के ऋणों को माफ करने का आदेश दिया था।

सरकार ने इससे पहले पांच एकड़ तक की जमीन के मालिकाना हक वाले किसानों का ऋण माफ किया था, जिसके बाद किसानों ने राज्य के सभी कृषकों, चाहे उनके पास कितनी भी जमीन हो, उन सभी के ऋणों को माफ करने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की थी।

न्यायालय ने मामले में प्रतिवादी नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोशिएशन को नोटिस जारी किया था।

उच्च न्यायालय का आदेश नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोशिएशन की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आया था। संगठन के अध्यक्ष अयाकन्नु ने याचिका दाखिल की थी।

और पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर के बामनू में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी, 2 ढेर, 6 घायल