सुप्रीम कोर्ट कलबुर्गी हत्या मामले की अब नहीं करेगा निगरानी

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह तर्कवादी एम.एम. कलबुर्गी की अगस्त, 2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में हुई हत्या के मामले की आगे निगरानी नहीं करेगा.

author-image
Sunil Mishra
New Update
सुप्रीम कोर्ट कलबुर्गी हत्या मामले की अब नहीं करेगा निगरानी

सुप्रीम कोर्ट कलबुर्गी हत्या मामले की अब नहीं करेगा निगरानी( Photo Credit : IANS)

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह तर्कवादी एम.एम. कलबुर्गी की अगस्त, 2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में हुई हत्या के मामले की आगे निगरानी नहीं करेगा. निगरानी बंद करने का फैसला तब लिया गया, जब न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट की पीठ ने पाया कि आरोपपत्र दाखिल हो चुका है और सुनवाई के लिए यह मामला एक सत्र न्यायालय को सौंप दिया गया है. कर्नाटक सरकार के वकील ने शीर्ष अदालत से कहा कि राज्य के हाईकोर्ट ने भी इस मामले की प्रगति की निगरानी बंद कर दी है.

Advertisment

यह भी पढ़ें : 'सोनिया गांधी आखिरी मुगल जैसी, राहुल गांधी को चुनकर केरल ने किया विनाशकारी काम', जानें किसने कही यह बात

शीर्ष अदालत ने पाया कि विशेष जांच दल द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले के दो मुख्य आरोपी फरार हैं और उन्हें ढूंढा नहीं जा सकता.

कलबुर्गी हम्पी विश्वविद्यालय के कुलपति और जानेमाने पुरावेत्ता थे. 30 अगस्त, 2015 को धारवाड़ के कल्याण नगर स्थित उनके आवास में घुसकर उन्हें गोली मार दी गई थी. वह कन्नड़ भाषा के साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता साहित्यकार भी थे.

शीर्ष अदालत ने पिछले साल कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ खंडपीठ को इस मामले की जांच की निगरानी का निर्देश दिया था. इस मामले की जांच कर्नाटक पुलिस की एसआईटी कर रही है. गौरी लंकेश हत्या मामले की जांच भी इसी एसआईटी ने की है और आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है.

यह भी पढ़ें : क्‍या दोषियों को माफ करेंगी निर्भया की मां? इस वरिष्‍ठ वकील ने की मांग

दिवंगत तर्कवादी की पत्नी उमादेवी कलबुर्गी ने मामले की निष्पक्ष जांच की उम्मीद से शीर्ष अदालत का रुख किया था. उनका कहना है कि उनके पति की हत्या का मामला तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पनसारे की हत्या से जुड़ा प्रतीत होता है. उन्होंने जांच किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपे जाने की गुहार लगाई थी.

Source : News Nation Bureau

Kalburgi Karnataka Supreme Court sit
      
Advertisment