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3 जुलाई से सुप्रीम कोर्ट होगा पेपरलैस, SMS और ईमेल से मिलेगी केस की जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने बुधवार को एक योजना लॉन्च की है। इसके तहत अदालतों में मुकदमों को भी पेपरलैस कर डिजीटलीकरण कर किया जाएगा।

Updated on: 11 May 2017, 08:58 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने बुधवार को एक योजना लॉन्च की है। इसके तहत अदालतों में मुकदमों को भी पेपरलैस कर उसका डिजीटलीकरण कर दिया जाएगा। 3 जुलाई से सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से डिजीटल हो जाएगा।

पीएम मोदी ने लॉन्चिंग के दौरान चीफ जस्टिस और उनकी टीम को इस सराहनीय कदम के लिए बधाई दी है।

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, 'मुझे पता चला है कि देश के कई हाई कोर्ट्स ने छुट्टियां कम कर दी हैं, यह न्याय के प्रति आपकी जिम्मेदारी को दर्शाता है, साथ ही यह देश के नागरिकों में हमारी न्याय प्रणाली में विश्वास पैदा करता है।'

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इस कार्यक्रम में जस्टिस खेहर ने कहा कि इस बात की जानकारी उन्हें कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक पत्र के माध्यम से दी गई थी। इस में जानकारी दी गई थी कि भारत सरकार 2,130 करोड़ रुपए इस योजना पर खर्च कर रही है।

जस्टिस खेहर ने कहा, 'कोर्ट का डिजीटलीकरण करने से जो दिनभर में हजारों अपील दायर होती हैं उनसे हजारों टन पेपर की बचत होगी। वहीं दूसरी ओर लोगों को उनके केस से संबंधित जानकारी देने के लिए एसएमएस और ईमेल पर सभी तरह की जानकारी उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की जा रही है।'

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