राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को दी चेतावनी, कहा- बोलने से पहले सावधानी बरतें
राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है, लेकिन साथ ही यह भी चेताया है कि वे बोलने से पहले सावधानी बरतें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमें नहीं लगता कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की जरूरत है
नई दिल्ली:
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ अवमानना याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है, लेकिन साथ ही यह भी चेताया है कि वे बोलने से पहले सावधानी बरतें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमें नहीं लगता कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की जरूरत है. इस मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'Mr Rahul Gandhi needs to be more careful in future.' राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर उनकी माफी मंजूर कर ली. इसके साथ ही राहुल गांधी के खिलाफ चल रहा अवमानना के केस समाप्त हो गया.
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को 'चौकीदार चोर है (Chowkidar Chor hai)' कहकर संबोधित किया था. उन्होंने ये आरोप राफेल डील के मामले में भ्रष्टाचार होने पर लगाया था. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान खुद को देश का चौकीदार बताया था. राहुल गांधी ने इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए 'चौकीदार चोर है' का नारा बुलंद किया था. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस नारे के खिलाफ बीजेपी नेता और सांसद मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा था, एक राजनैतिक दल के नेता को प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह का शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
मामले की सुनवाई के दौरान बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने जब राहुल गांधी को इस मामले में नोटिस जारी किया था, उसके बाद दो बार उन्होंने हलफनामा दायर किया और दोनों ही बार बयान के लिए उन्होंने खेद जताया था, लेकिन बिना शर्त माफी नहीं मांगी थी. उन्होंने कहा था कि अदालत के आदेश के बाद राहुल गांधी ने माफीनामा दिया. ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट को कानून के हिसाब से एक्शन लेना चाहिए.
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दूसरी ओर, राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था, हमने पहले जो भी हलफनामा दिया उसमें अपनी गलती मानी थी और कहा था कि कोर्ट के हवाले से दिया गया बयान गलत है. हमारी मंशा अदालत के मान-सम्मान को कम करना नहीं था. हमने दोनों ही हलफनामे में खेद जताया था. फिर हमने कोर्ट के हवाले से 'चौकीदार चोर है' कहने के मामले में 8 मई को सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांग ली है. 18 महीने से पब्लिक में स्लोगन चल रहा है और तमाम पार्टियां उसका इस्तेमाल कर रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अपने टि्वटर हैंडल पर चौकीदार शब्द जोड़ लिया था. उसके बाद तो यह शब्द अपने आप में आंदोलन बन गया था और लाखों-करोड़ों लोगों ने अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द जोड़ लिया था.
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