सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस केस की सुनवाई कर रहे जज का हो सेवा विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार से पूछा है कि कैसे जज एसके यादव का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है.
नई दिल्ली:
बाबरी मस्ज़िद विध्वंस मामले में लखनऊ में बीजेपी के नेताओं पर चल रहे मुकदमे में ट्रायल कोर्ट के जज एसके यादव ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि ट्रायल पूरा करने में उन्हें अभी छह माह और लगेंगे. यादव 30 सितम्बर को रिटायर हो रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि वो चाहते हैं कि एसके यादव ही इस मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला दें. इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार से पूछा है कि कैसे जज एसके यादव का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. बाबरी मस्ज़िद विध्वंस मामले में लखनऊ की निचली अदालत में बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. मुकदमा लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार जैसे बड़े नेताओं पर है.
अप्रैल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रायबरेली और लखनऊ में दर्ज मुकदमों को लखनऊ में एक साथ चलाने का आदेश दिया था, साथ ही इन सब के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा को भी बहाल कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालत मामले की रोज़ाना सुनवाई कर उसे 2 साल के भीतर निपटाया जाए.
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