सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसंबर निर्भया गैंग रेप मामले में सभी चार दोषियों की फांसी की सजा शुक्रवार को बरकरार रखी। कोर्ट ने इसे बर्बर घटना करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर. भानुमति की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, 'जिस तरह के मामले में फांसी आवश्यक होती है, यह मामला बिल्कुल वैसा ही है।'
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र सरकार, राजनीतिक दल और सामाजिक संगठनों ने खुशी जताई है। कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, 'मेरी संपूर्ण संवदेना भारत की साहसी बेटी के बहादुर परिजनों के साथ है।' उन्होंने कहा कि इन परिजनों का संघर्ष यौन हिंसा के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली प्रत्येक महिला के संघर्ष का प्रतीक बन गया है।
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बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, 'बहुत ही अच्छा फैसला है, मैं समझता हूं इसका एक अच्छा प्रभाव पड़ेगा।'
सीपीआईएम नेता बृंदा करात ने कहा कि वह नीतिगत रूप से फांसी के खिलाफ हैं, लेकिन इस मामले में सख्त सजा जरूरी थी। उन्होंने कहा,
केंद्र सरकार ने की सराहना
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। मेनका गांधी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि फांसी की सजा को बरकरार रखा गया, काश यह फैसला और जल्दी आया होता।'
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'देश के कानून के राज के लिये बहुत बड़ा दिन है। जो निर्णय किया गया है मैं उससे बहुत सुकून महसूस कर रहा हूं।'
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HIGHLIGHTS
- निर्भया गैंग रेप केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, सभी चारों दोषियों को फांसी की सजा
- केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई खुशी
- सोनिया गांधी, नीतीश कुमार, बृंदा करात समेत कई नेताओं ने फैसले का किया स्वागत
Source : News Nation Bureau