सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट आज शुक्रवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मध्यस्था पर अपना फैसला सुनाएगा. एनएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कल राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये इसे मध्यस्थता को सौंपने के बारे में अपना फैसला सुनाएगा.
Supreme Court to pronounce tomorrow whether to send the Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case for court appointed and monitored mediation for a “permanent solution”. pic.twitter.com/UsBC2u8KE1
— ANI (@ANI) March 7, 2019
बता दें कि बुधवार (6 दिसंबर) राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस में आज सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस बोबड़े बोले, ये महज भूमि विवाद का मसला नहीं है. ये लोगों की भावनाओं से जुड़ा मसला है. हम इस फैसले के आने के बाद आने वाले रिजल्ट को लेकर सतर्क हैं. मध्यस्थता की नाकाम कोशिशों की दलीलों को लेकर जस्टिस बोबड़े ने कहा कि हम अतीत को नहीं बदल सकते, पर आगे तो फैसला ले सकते हैं.
कोर्ट में एक वकील ने दलील थी कि मध्यस्थता को लेकर अगर सभी पक्ष राजी भी हो जाते हैं, तो भी जनता मेडिएशन के रिजल्ट को स्वीकार नहीं करेगी. निर्मोही अखाड़े को छोड़कर रामलला विराजमान समेत हिंदू पक्ष के बाकी वकीलों ने मध्यस्थता का विरोध किया. यूपी सरकार ने भी अवहवहारिक बताया, जबकि मुस्लिम पक्ष मध्यस्थता के लिए तैयार है.
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है, 'अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मध्यस्थता व्यर्थ अभ्यास है.'
मध्यस्थता को लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट को तीन नामों के सुझाव दिए हैं. इन तीन नामों में पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जगदीश सिंह खेकर और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक हैं.