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शहाबुद्दीन टेप के बाद लालू यादव की एक और परीक्षा, चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आज

सुप्रीम कोर्ट ने लालू की उस याचिका पर भी सुनवाई की थी जिसमें उन्होंने 1990 के चारा घोटाले में खुद को जेल की सजा दिए जाने को चुनौती दी थी।

Updated on: 08 May 2017, 12:07 AM

नई दिल्ली:

एक निजी टीवी चैनल पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और माफिया से नेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन के बीच की कथित बातचीत के खुलासे पर विवाद के बीच राजद प्रमुख के लिए सोमवार का दिन भी बेहद अहम होगा।

सुप्रीम कोर्ट सीबीआई की याचिका पर चारा घोटाले के मामले में सोमवार को अहम फैसला सुना सकती है। कोर्ट ने 20 अप्रैल को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था और सभी पक्षों को अपना जवाब एक हफ्ते के भीतर देने को कहा था।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें लालू प्रसाद यादव और अन्य के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट द्वारा चाईबासा चारा घोटाले से जुड़ी एक एफआईआर को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई थी।

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सीबीआई ने अपनी हालिया अपील में हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें लालू प्रसाद यादव के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में केवल दो धाराओं के तहत सुनवाई को मंजूरी दी गई थी, जबकि अन्य आरोपों को यह कहते हुए खारिज किया था कि एक अपराध के लिए किसी व्यक्ति का दो बार ट्रायल नहीं हो सकता।

कोर्ट ने लालू की उस याचिका पर भी सुनवाई की थी जिसमें उन्होंने 1990 के चारा घोटाले में खुद को जेल की सजा दिए जाने को चुनौती दी थी।

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चारा घोटाला लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए 1000 करोड़ रुपयों की गलत निकासी के मामले से जुड़ा है। यह घोटाला 1990 से लेकर 1997 के बीच बिहार के पशुपालन विभाग में अलग-अलग जिलों में हुआ था। उस वक्त लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और पशुपालन विभाग भी उनकी देखरेख में था।

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