Article 370: जम्मू-कश्मीर से 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं के मामले की सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई करेगा. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ 2 अगस्त से इस मामले की सुनवाई शुरु करेगी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मामले की याचिकाओं पर सुनवाई की. इसके साथ ही पीठ ने मामले में सभी पक्षकारों से 25 जुलाई तक अपना जवाब देने के लिए कहा है. शीर्ष कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बड़ी टिप्पणी की. जिसमें एससी ने कहा कि वो केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर के हालात पर दाखिल नए हलफनामे को लेकर सुनवाई नहीं करेगा. कोर्ट ने कहा कि इसका संवैधानिक प्रश्न से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, पीठ ने सिर्फ संवैधानिक मुद्दे पर सुनवाई करने की बात कही.
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अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ दाखिल की गई हैं 23 याचिकाएं
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ कुल 23 याचिकाएं दाखिल की गई हैं. इस मामले की सुनवाई के लिए गठित की गई संविधान पीठ में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं. बताया जा रहा है कि पीठ सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर इस मामले की सुनवाई सुबह साढ़े दस बजे से करेगी. पीठ ने कहा कि इस मामले से जुड़ी फाइलें और सभी दस्तावेज पेपर लेस बनाए जाएं. इसके साथ ही सभी पक्षों को अपने जवाब इलेक्ट्रॉनिक मोड में फाइल करने को कहा गया है.
शाह फैजल और शेहला रशिद ने वापस ली अपनी याचिका
मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता शाह फैजल और शेहला रशिद अपनी याचिका वापस ले चुके हैं. इस मामले में वरिष्ठ वकील राजू रामचद्रंन ने बताया कि इन दोनों के नाम अनुच्छेद 370 मामले की खिलाफ दायक याचिकाकर्ता की सूची से हटाने के लिए चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्री को निर्देश दे दिया है. बता दें कि इस मामले में अभी तक लीड पिटीशन शाह फैजल बनाम भारत सरकार के नाम से लिस्ट की जाती थी. अब ये मामला नए नाम से कॉज लिस्ट में दर्ज किया जाएगा. चीफ जस्टिस ने कहा कि अब इसे Re: Article 370 के नाम से कार्यसूची में सूचीबद्ध किया जाएगा.
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केंद्र ने सोमवार को दाखिल किया था हलफनामा
बता दें कि अनुच्छेद 370 मामले के बचाव में सोमवार को ही केंद्र ने शीर्ष कोर्ट में ताजा हलफनामा दायर किया. जिसमें कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद पूरे क्षेत्र ने शांति, विकास और संपन्नता का अभूतपूर्व युग देखा है. इसके साथ ही इस हलफनामें में केंद्र ने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त करने के क्षेत्र में विकास, प्रगति, सुरक्षा और स्थिरता आई है जो अनुच्छेद-370 लागू रहने के दौरान कहीं दिखाई नहीं देती थी.
HIGHLIGHTS
- अनुच्छेद 370 मामले की 2 अगस्त से रोजाना सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ करेगी सुनवाई
- IAS शाह फैसल ने वापस लिया याचिका से नाम
Source : News Nation Bureau