जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 35-A की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज (सोमवार) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। करीब 3 हफ्ते पहले इस अनुच्छेद पर सुनवाई होनी थी, लेकिन इसे आज के लिए टाल दिया गया था। बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस मामले की सुनवाई को टालने के लिए याचिका दायर की है जिसमें कहा गया है कि पंचायत और निकाय चुनावों के चलते इस पर अभी सुनवाई न की जाए।
गौरतलब है कि पिछली बार जब सर्वोच्च अदालत इस पर सुनवाई करने वाली थी उस दौरान अलगाववादी संगठन संयुक्त प्रतिरोध लीडरशिप (जेआरएल) ने इसके विरोध में दो दिन के बंद का आह्वान किया था। इस बंद की वजह से अमरनाथ यात्रा भी दो दिनों के लिए रोक दी गई थी।
आखिर क्या है आर्टिकल 35-A
राष्ट्रपति के आदेश के बाद 14 मई 1954 को आर्टिकल 35A प्रकाश में आया था। आर्टिकल 35A राज्य विधानसभा को यह अधिकार देता है कि वह राज्य के स्थायी निवासियों की घोषणा कर सकती है और उनके लिए विशेष अधिकार निर्धारित कर सकती है।
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यह अनुच्छेद 14 मई 1954 से जम्मू-कश्मीर में लागू है। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के आदेश पर यह अनुच्छेद पारित हुआ था।
आपको बता दें कि अनुच्छेद 35A राज्य को विशेष शक्तियां देता है। इस आर्टिकल के तहत, जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों को यहां जमीन खरीदने का अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं बाहर के लोग राज्य सरकार की स्कीमों का लाभ नहीं उठा सकते और ना ही सरकार के लिए नौकरी कर सकते हैं।
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धारा को निरस्त करने की क्यों कर रहे हैं मांग
इस धारा को निरस्त करने की मांग करने वालों का कहना है कि धारा 368 के तहत संविधान संशोधन के लिए नियत प्रक्रिया का पालन करते हुए इसे संविधान में नहीं जोड़ा गया था।
Source : News Nation Bureau