पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण आम बजट को टालने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

मोदी सरकार चुनाव आयोग से पूछे जाने पर साफ कर चुकी है कि आम बजट संवैधानिक प्रक्रिया है और इसका महत्व केवल कुछ राज्यों तक सीमित न रहकर पूरे देश के लिए है।

मोदी सरकार चुनाव आयोग से पूछे जाने पर साफ कर चुकी है कि आम बजट संवैधानिक प्रक्रिया है और इसका महत्व केवल कुछ राज्यों तक सीमित न रहकर पूरे देश के लिए है।

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vineet kumar
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पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण आम बजट को टालने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

फाइल फोटो

आम बजट को मार्च के बाद पेश करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। विपक्षी दलों की मांग है कि पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव को देखते हुए आम बजट को टाला जाए। जबकि केंद्र सरकार एक फरवरी को बजट पेश करने की बात कह चुकी है।

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बजट को टालने की याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा की ओर से दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल की शुरुआत में बजट को मार्च तक टालने की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया था।

इसके बाद मंगलवार को कैबिनेट सचिव ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सरकार के रूख की जानकारी दी थी। दरअसल, चुनाव आयोग ने विपक्षी पार्टियों के विरोध को देखते हुए सरकार से अपना मत बताने को कहा था।

इसी पर सरकार ने साफ किया कि आम बजट संवैधानिक प्रक्रिया है और इसका महत्व केवल कुछ राज्यों तक सीमित न रहकर पूरे देश के लिए है। दूसरी ओर, विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार बजट के जरिए वोटरों को लुभाने का प्रयास कर सकती है।

वहीं, सरकार का मानना है कि बजट को पेश करना जरूरी है ताकि सभी क्षेत्रों में जरूर बदलाव और नई योजनाएं 1 अप्रैल से लागू हो जाएं।

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Source : News Nation Bureau

Supreme Court election commission budget
      
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