Corona से खत्म होगा शाहीनबाग! 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में धरने पर बैठे लोग उठने को तैयार नहीं हो रहे हैं. 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई होगी.सोमवार यानी 23 मार्च को शाहीन बाग से लोगों हटाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई होगी.
नई दिल्ली:
कोरोना की वजह से केंद्र सरकार और राज्य सरकार लोगों को एक जगह इक्ट्ठा होने से मना कर रही है. दिल्ली में भी केजरीवाल सरकार ने पांच से ज्यादा लोगों को एक जगह इक्ट्ठा होने से मना किया है. शासन-प्रशासन की तरफ से उठाए जा रहे तमाम कदम को शाहीनबाग वाले धत्ता बता रहे हैं. सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में धरने पर बैठे लोग उठने को तैयार नहीं हो रहे हैं. 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई होगी.
सोमवार यानी 23 मार्च को शाहीन बाग (Shaheen Bagh) से लोगों हटाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई होगी. कोरोना वायरस (Corona Virus) के मद्देनजर कुछ लोगों ने नई याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि शाहीन बाग में बैठे लोगों की वजह से कोरोना फैल सकता है. इसलिए इसे तुरंत हटाया जाए.
Supreme Court to hear on March 23 (Monday) petitions seeking removal of anti-CAA protesters from Shaheen Bagh as its causing inconvenience along with fresh petitions for immediate evacuation of protesters from the area, in the wake of the #CoronaVirus outbreak pic.twitter.com/qPvRA0AN1J
— ANI (@ANI) March 21, 2020
बता दें कि राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में पिछले 3 महीने से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लगातार प्रदर्शन चल रहा है. बढ़ते कोरोना के खतरे को देखते हुए शाहीन बाग को खाली करने की अपील की गई. पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी महिलाओं से इसके लिए बातचीत की पहल शुरू की, लेकिन ये बेनतीजा साबित हुई.
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त किया था. इन वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंप दी है. इन वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारिय़ों से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि आपका प्रदर्शन करने का अधिकार संवैधानिक है.
एनसीपीसीआर ने मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट को बुधवार को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर लोगों के एकत्रित होने के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
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जांच केंद्रों की संख्या में तत्काल बढ़ोतरी करने के लिए याचिका दायर की गई
वहीं आज सुप्रीम कोर्ट में एक पत्रकार प्रशांत टंडन ने एक जनहित याचिका दायर (PIL) की है जिसमें कोरोना वायरस के चलते जांच केंद्रों की संख्या में तत्काल वृद्धि की मांग की गई है.
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