सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं पर षड्यंत्र का मामला तय करने संबंधी सुनवाई को दो हफ्तों के लिये टाल दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सभी पक्ष लिखित में जवाब दाखिल करें।
बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी बीजेपी नेता आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी और अन्य के खिलाफ ढांचा ढहाने की आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च को अयोध्या मामले की सुनवाई में हो रही देरी पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने पूछा था कि क्यों ना लखनऊ और रायबरेली की अलग अलग अदालतों में चल रहे मुकदमों का ट्रायल एक साथ किया जाये। सीबीआई ने भी कोर्ट के सुझाव का समर्थन किया था।
अगर कोर्ट दोनों मुकदमों के एक साथ ट्रायल का आदेश देती हैं, तो आडवाणी और दूसरे आरोपियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि तब उन्हें आपराधिक साजिश के मुकदमे का भी सामना करना पड़ेगा।
इस वक्त विवादित ढांचा विध्वंश को लेकर को लेकर दो मुकदमे लखनऊ और रायबरेली की अदालतों में चल रहे हैं, लखनऊ का मुकदमा उन कारसेवको के खिलाफ हैं जिन्होंने विवादित ढांचे को गिराया था।
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वहीं रायबरेली वाले मामले में आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर जैसे बीजेपी और संघ परिवार से जुड़े लोगों पर उकसाने वाला भाषण देने के लिए आरोपी बनाया गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 मई 2010 को बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत दूसरे बीजेपी और वीएचपी के नेताओं के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का मामला हटा लिया गया था। जिसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
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HIGHLIGHTS
- बाबरी विध्वंस मामले में अब 2 हफ्ते बाद होगी सुनवाई, SC ने सभी पक्षों से मांगा लिखित जवाब
- आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी बाबरी विध्वंस मामले में हैं आरोपी
- सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने दाखिल की है याचिका
Source : News Nation Bureau