पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई पर कल यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने अपनी मां की लोक सुरक्षा कानून के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका में संशोधन के लिये उच्चतम न्यायालय में आवेदन दायर किया है.
इसके साथ ही मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि उनकी मां को राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने की इजाजत दी जाए. उन्हें पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलने और बातचीत करने दिया जाए.
Supreme Court to hear a petition tomorrow by Iltija, seeking release of his mother & former Jammu and Kashmir Chief Minister Mehbooba Mufti. pic.twitter.com/gOOojLRgIG
— ANI (@ANI) September 28, 2020
इल्तिजा मुफ्ती ने अपने आवेदन में न्यायालय से कहा है कि वह अपनी याचिका में संशोधन करना चाहती हैं और इसे बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका बनाना चाहती है. आवेदन में इस नजरबंदी को चुनौती देने के आधारों में संशोधन करके 26 फरवरी के आदेश की पुष्टि करने और इसके बाद पांच मई तथा 31 जुलाई को नजरबंदी की अवधि बढ़ाने के आदेशों को चुनौती देना चाहती हैं.
इल्तिजा ने अपनी याचिका में कई आधारों पर महबूबा की नजरबंदी को चुनौती दे रखी है. इसमें कहा गया है कि नजरबंदी के लिये डोजियर तैयार करते समय पूरी तरह से ध्यान नहीं दिया गया और यह लोक सुरक्षा कानून की धारा 8(3)(बी) का उल्लंघन करता है. इल्तिजा ने अपने आवेदन में याचिका में संशोधन की अनुमति मांगते हुये इसे बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका मानने तथा केन्द्र और जम्मू कश्मीर सरकार को महबूबा को न्यायालय में पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है.
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आवेदन में कहा गया है कि वह न्यायालय के संज्ञान में यह तथ्य भी लाना चाहती है कि उसके पहले के आदेश के तहत जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अभी तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया है, जिससे न्यायालय के प्रति उसके सम्मान का पता चलता है.
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बता दें कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूता मुफ्ती को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी संविधान के अनुच्छेद 370 के अनेक प्रावधान समाप्त करने और इस राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभक्त करने के पिछले साल पांच अगस्त के सरकार के फैसले से पहले गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद फरवरी 2020 को उन्हें पीएसए के तहत बंदी बनाया गया.
Source : News Nation Bureau