शख्स की मौत पर पहुंचा बंदर, चूमा माथा, लोग बोले- साक्षात हनुमान, वीडियो वायरल
नाना पटोले का राष्ट्रपति को पत्र- महाराष्ट्र सरकार को किया जाए निरस्त, चुनाव में धांधली की जांच के लिए बने कमेटी
अमेरिकी ड्रग ऑपरेशन में ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति को मिली आजीवन कारावास की सजा
Train Cancelled: यात्रा की बना रहे हैं योजना तो देख लें कैंसिल ट्रेनों की लिस्ट, रेलवे ने 24 जून तक रद्द किए फेरे
गर्मियों में इन कारणों से हो सकती है ब्लोटिंग की समस्या
लॉस एंजेलिस में इमिग्रेशन नीति के खिलाफ प्रोटेस्ट के दौरान 400 से अधिक लोग गिरफ्तार
बाबा रामदेव ने बताया डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का कारगर इलाज
कपूर खानदान की बेटी ने इस एक्टर को किया KISS, लिपस्टिक से पूरा चेहरा कर दिया लाल, Video वायरल
राशा थडानी के साथ केमिस्ट्री पर बोले अभय वर्मा, 'जोड़ी के बारे में अभी कहना जल्दबाजी होगा'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- खाप पंचायत को शादियों पर बोलने का हक नहीं, इन दिशानिर्देशों को माने प्रशासन

सुप्रीम कोर्ट ने शादियों को लेकर खाप पंचायतों के फरमानों को अवैध करार दिया है और राज्य व केंद्र सरकार से कहा है कि वो इस संबंध में कानून लेकर आए। इसके साथ ही कोर्ट ने एक दिशा निर्देश भी जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने शादियों को लेकर खाप पंचायतों के फरमानों को अवैध करार दिया है और राज्य व केंद्र सरकार से कहा है कि वो इस संबंध में कानून लेकर आए। इसके साथ ही कोर्ट ने एक दिशा निर्देश भी जारी किया है।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- खाप पंचायत को शादियों पर बोलने का हक नहीं, इन दिशानिर्देशों को माने प्रशासन

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- खाप पंचायत को शादियों पर बोलने का हक नहीं (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने शादियों को लेकर खाप पंचायतों के फरमानों को अवैध करार दिया है और राज्य व केंद्र सरकार से कहा है कि वो इस संबंध में कानून लेकर आए। इसके साथ ही कोर्ट ने एक दिशा निर्देश भी जारी किया है।

Advertisment

कोर्ट ने कहा है कि जब तक इस संबंध में सरकार कोई कानून नहीं लाती है तब तक उसके दिशा निर्देश प्रभावी रहेंगे।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच जिसमें ए एम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं ने कहा, 'खाप पंचायत या किसी गैरकानूनी जमावड़े का दो व्यस्कों की शादी को रोकना पूरी तरह गैरकानूनी है।'

आइये जानते हैं क्या हैं कोर्ट के दिशा निर्देश:

*राज्य सरकारें ऐसे इलाकों/गांव की पहचान करें जहां पिछले 5 साल में प्रेमी जोड़ों की हत्या या उनके साथ मारपीट की घटनाएं हुई हों। वहां के प्रभारी पुलिस अधिकारी खास चौकसी बरतें।

* अगर खाप पंचायत या जातीय समूह की प्रस्तावित बैठक की जानकारी पुलिस अधिकारी को मिले तो वो तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दे। DSP या कोई आला अधिकारी बैठक करने जा रहे समूह को बताए कि प्रेमी जोड़ों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बैठक ग़ैरकानूनी है।

* बैठक में DSP खुद मौजूद रहे और सुनिश्चित करे के कि प्रेमी जोड़ों या उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने जैसा कोई गैरकानूनी फैसला तो न लिया जाए। बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई जाए। 

* अगर बैठक से पहले ये अंदेशा हो जाए कि इसमें प्रेम विवाह करने वाले किसी जोड़े को नुकसान पहुंचाने का फैसला होगा और खाप वाले बैठक रोकने को तैयार न हों तो ज़िला प्रशासन धारा 144 लगाए। समूह से जुड़े लोगों को एहतियातन हिरासत में ले। 

और पढ़ें: शादियों में खाप पंचायतों का हस्तक्षेप अवैध : सुप्रीम कोर्ट

* केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकारें आपस मे चर्चा करें। पुलिस और दूसरी एजेंसियों को ऐसे अपराधों की रोकथाम ओर संवेदनशील बनाने के उपाय करें। 

* अगर ऐसी बैठक हो जाने के बाद पुलिस को उसकी जानकारी मिले तो तुरंत FIR दर्ज करे। बैठक में लिए गए फैसलों के आधार पर धाराएं लगाई जाएं। खतरे में आए जोड़े/परिवार को सुरक्षा दे।

* प्रशासन ऐसे प्रेमी जोड़ों या प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को सुरक्षित जगह पर रखे, जिन्हें पंचायत या परिवार से खतरा हो। अगर पंचायत/जातीय समूह के चलते प्रेमी जोड़ों के परिवार वालों को खतरा हो तो उन्हें भी शरण दी जाए। राज्य सरकारें इस काम के लिए हर जिले में सेफ होम बनाने पर विचार करे। 

* प्रशासन इस बात को देखे कि लड़का और लड़की वयस्क हैं या नहीं। वयस्क जोड़ा अगर शादी करना चाहता गया तो अपनी देख-रेख और सुरक्षा में उनकी शादी करवाए। अगर वो जोड़ा सेफ होम में रहना चाहता हो तो उसे मामूली किराए पर एक महीना रहने दिया जाए। ज़रूरत पड़ने पर रहने की इजाज़त बढ़ाई जाए। इसकी अधिकतम सीमा 1 साल तक हो सकती है।

* अगर कोई प्रेमी जोड़ा या प्रेम विवाह करने वाला जोड़ा प्रशासन के पास आए तो उनकी शिकायत की एसीपी रैंक के अधिकारी जांच करें। शिकायत में कही गई बातों की पुष्टि होने पर FIR दर्ज हो। जोड़े के लिए खतरा बन रहे लोगों को हिरासत में लिया जाए।

* जानकारी मिलने पर भी प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने और दूसरी ज़रूरी कार्रवाई करने में नाकाम रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो। 6 महीने में कार्रवाई खत्म की जाए।

* हर जिले में SSP और समाज कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में विशेष सेल बनाया जाए। इस सेल में प्रेमी जोड़े अपनी शिकायत रख सकते हैं। ये विशेष सेल 24 घंटे चलने वाली हेल्पलाइन सुविधा भी दें।

* हॉनर किलिंग यानी झूठी शान के लिए प्रेमियों की हत्या और उन्हें या उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें बनाई जाएं जो इन मामलों की फ़ास्ट ट्रैक सुनवाई करे। 

और पढ़ें: दिल्ली में ममता ने जमाया डेरा, क्या पड़ेगी फेडरल फ्रंट की नींव!

Source : News Nation Bureau

Supreme Court honour Killings guidelines on Marriage khap panchayat modi govt
      
Advertisment