फतवे को बैन करने वाले उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई

याचिका में कहा गया था कि फतवा इस्लामिक विद्वानों की राय भर होता है, उस पर पूरी तरह से बैन नहीं लगाया जा सकता

याचिका में कहा गया था कि फतवा इस्लामिक विद्वानों की राय भर होता है, उस पर पूरी तरह से बैन नहीं लगाया जा सकता

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kunal kaushal
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फतवे को बैन करने वाले उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई

प्रतीकात्मक फोटो

फतवे पर पूरी तरह से बैन लगाने वाले उत्तराखंड हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार और हाई कोर्ट में याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया है. जमीयत उलेमा ए हिन्द ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि फतवा इस्लामिक विद्वानों की राय भर होता है, उस पर पूरी तरह से बैन नहीं लगाया जा सकता

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उत्तराखंड हाई कोर्ट का आदेश

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक रेप पीड़िता के खिलाफ लक्सर की पंचायत की ओर से जारी किए गए फतवे को गैर कानूनी करार देते हुए प्रदेश में धार्मिक संस्थाओं/ जनसमूहों की ओर से जारी किए जाने वाले फतवों पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि उत्तराखंड में धार्मिक संगठनों, पंचायतों और अन्य समूहों को फतवे जारी करने की अनुमति नहीं है क्योंकि ये सीधे तौर पर संविधान की ओर से दिये गए मौलिक अधिकारों और व्यक्तिगत गरिमा का उल्लंघन करता है.

रेप पीड़िता के खिलाफ जारी हुआ था फतवा

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए फतवों पर बैन लगाया था. दरअसल उत्तराखंड में रुड़की के पास लक्सर में एक नाबालिग के साथ उसके पड़ोसी ने दुष्कर्म किया. लड़की जब गर्भवती हो गई तो दबंग लोगों ने उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज न कराने की धमकी दी. यही नहीं, पीड़ित परिवार की सहायता करने के बजाए, पंचायत ने गांव से बाहर निकाले जाने का फरमान भी जारी कर दिया था. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने इस बारे में छपी मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया था.

Source : Arvind Singh

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