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SC ने कहा तम्बाकू उत्पादों पर बड़े आकार में ही छपेगी सचित्र चेतावनी, कर्नाटक HC के फैसले पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तम्बाकू उत्पादों पर 85 फीसदी हिस्से में सचित्र चेतावनी छापने के नियम को रद्द करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी।

Updated on: 09 Jan 2018, 06:30 AM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तम्बाकू उत्पादों पर 85 फीसदी हिस्से में सचित्र चेतावनी छापने के नियम को रद्द करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी।

शीर्ष अदालत ने दिसंबर, 2017 में कर्नाटक उच्च न्यायालय के दिए गए आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आम नागरिकों का स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने भारतीय तम्बाकू संस्थान की ओर से पेश किए गए रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।

संस्थान ने रिपोर्ट में कहा था कि उच्च न्यायालय के आदेश पर अंतरिम रोक लगाए जाने से तम्बाकू उत्पादकों के व्यापार करने के मौलिक अधिकार का हनन होगा।

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सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट से मामले की गंभीरता को समझते हुए आदेश की कॉपी को अपलोड करने को कहा था लेकिन अब तक इसकी विस्तृत कॉपी उपलब्ध नहीं हैं।
इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 12 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले साल 15 दिसम्बर को तीन साल पुराने उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें तम्बाकू उत्पादों पर 85 फीसदी हिस्से में स्वास्थ्य नुकसान चेतावनी सचित्र छापने का प्रावधान था।

उच्च न्यायालय ने 85 फीसदी सचित्र चेतावनी संबंधी केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के नियम को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द करने के बावजूद 40 फीसदी हिस्से में सचित्र चेतावनी के छापने के प्रावधान को बरकरार रखा था।

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