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सुप्रीम कोर्ट का फैसला- अगर आधार कार्ड नहीं, तो फिलहाल पैन कार्ड के जरिये कर सकते हैं IT रिटर्न दाखिल

आम लोगों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने पैन कार्ड बनवाने और आईटी रिटर्न भरने के लिए आधार कार्ड की ज़रूरत पर रोक लगा दी है।

Updated on: 09 Jun 2017, 08:29 PM

highlights

  • आईटी रिटर्न और पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
  • 'जिन लोगो के पास आधार कार्ड नही है, उनका पैन कार्ड अभी वैलिड रहेगा'
  • 'जिनके पास पैन और आधार कार्ड, उन्हें आधार कार्ड से पैन कार्ड को लिंक कराना जरूरी'

नई दिल्ली:

अगर अभी तक आपका आधार कार्ड नहीं बना है, तो भी आप पैन कार्ड के जरिये इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते है।

कम से कम सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला आने तक ये राहत बरकरार रहेगी। आईटी रिटर्न और पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

# जिन लोगो के पास आधार कार्ड नही है, उनका पैन कार्ड अभी वैलिड रहेगा और वो बिना आधार कार्ड के भी आयकर रिटर्न फ़ाइल कर सकते है। संविधान पीठ जब तक निजता के अधिकार को लेकर दायर याचिका पर फैसला नही देती, तब तक ये छूट बरकरार रहेगी।

# जिनके पास पैन और आधार कार्ड है, उन्हें आधार कार्ड से पैन कार्ड को लिंक कराना जरूरी होगा और रिटर्न दाखिल करने के लिए इसे मेंशन करना जरूरी होगा (सरकार के मुताबिक अभी तक 95 फीसदी लोगों के पास आधार कार्ड है)

# हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में साफ किया कि वो निजता के अधिकार को लेकर कोई राय नही दे रहा है लेकिन सरकार ये सुनिश्चित करे कि आधार डेटा से कोई लीकेज ना हो।

# जाली पैन कार्ड ना बने, इसके लिए सरकार को दंडात्मक प्रावधान पर बनाने पर  विचार करना चाहिए।

क्या थी याचिकाकर्ता की दलील

सुप्रीम कोर्ट में सीपीआई नेता बिनाय विश्वम ने याचिका दाखिल कर इनकम टैक्स एक्ट में जोड़ी गई धारा 139 AA को  असवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की थी। याचिककर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान का कहना था।

# सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में पहले ही कह चुका है सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल  ऐच्छिक होना चाहिए,अनिर्वाय नहीं।

# यहाँ तक कि UDAI वेबसाइट, आधार एक्ट, खुद सरकार के विज्ञापन के मुताबिक आधार कार्ड का इस्तेमाल ऐच्छिक होना चाहिए, जबकि अटॉर्नी जनरल इसे जरूरी बता रहे हैं।

# आधार कार्ड को अनिवार्य करने से दुनियां की 1/7 आबादी की नागरिक स्वतंत्रता दांव पर लग गई हैं..लोगों की सामाजिक/ राजनैतिक विकल्प चुनने की चॉइस ख़त्म हो रही हैं। आगे चलकर इसके गम्भीर परिणाम होंगे।

# सरकार किसी भी प्राइवेट व्यक्ति को उसकी सेंसटिव जानकारी की किसी तीसरी प्राइवेट पार्टी को देने के लिए बाध्य नही कर सकती हैं।

# आरटीआई से खुलासा हुआ कि 16900 आधार कार्ड सिर्फ डुप्लीकेशन की  होने से वजह से खारिज हो गए हैं, तब अटॉर्नी जनरल कैसे दावा कर सकते हैं कि आधार कार्ड फ़र्जी नहीं बनेंगे।

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क्या थी सरकार की दलील

वही दूसरी ओर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने याचिककर्ता का विरोध किया, अटॉनी जनरल ने दलील दी थी।

# आयकर की चोरी रोकने के लिए आधार कार्ड जरूरी हैं। ऐसे मामले सामने आए है, जिनमे लोगो के ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये पैन कार्ड बनवाये है, एक-एक व्यक्ति के पास कई पैन कार्ड भी मिले है, करीब 10 लाख फर्जी पैन कार्ड पकड़े गए है, इस पर अंकुश लगाने के लिए आधार कार्ड जरूरी है।

# काले धन पर अंकुश लगाने के लिए आधार कार्ड जरूरी है क्योंकि इस तरह की रकम का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में किया जाता है।

# फेक पैन कार्ड, टैक्स की ना अदायगी, और शेल कंपनियों पर लगाम कसने के लिए आधार कार्ड को अनिर्वाय किया जाना जरूरी हैं।

# देश के  नागरिक आधार कार्ड हेतु लिए जाने वाले शारीरिक सैंपल के लिए मना नहीं कर सकते हैं, अपने शरीर पर पूर्ण अधिकार होना एक भ्रम है, ऐसे कई नियम हैं जो इस पर पाबंदी लगाते हैं।

आधार कार्ड की व्यवस्था रहेगी या नही, सविधान पीठ लेगी फैसला

अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला सिर्फ आईटी एक्ट में जोड़ी गई धारा 139 AA को लेकर आया है, आधार कार्ड से निजता के अधिकार का हनन होता है, ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने लंबित है। आज केंद्र सरकार ने उस मामले में हलफनामे के जरिये जवाब दाखिल किया है ⁠⁠⁠।⁠

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