लॉकडाउन (Corona Lockdown) के दौरान देश भर में अदालतों के कामकाज को लेकर चीफ जस्टिस (Chief Justice Of India) की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की. चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस चन्दचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव बेंच में शामिल है. अटॉनी जनरल, सॉलिसीटर जनरल और DG NIC वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुए. सीनियर एडवोकेट विकास सिंह द्वारा इस बारे में पत्र लिख जाने के बाद SC ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया था. 4 हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी. लॉक डाउन के दौरान देश भर की अदालतों में सुनवाई के लिए SC ने दिशा निर्देश जारी किए -
- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट सोशल डिस्टन्सिंग और पब्लिक हेल्थ गाइडलाइंस पालन के लिए सारे कदम उठाए
- हाई कोर्ट सुविधा के मुताबिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का तौर तरीका तय करे.
- HCs नियम बनाये, निचली अदालत उंसके मुताबिक काम करे
- सुनवाई के दौरान वीडियो फीड में आ रही दिक्कतों की शिकायत के लिए हेल्पलाइन हो .किसी पक्ष को कोई दिक्कत हो तो वो सुनवाई के दौरान या तुंरत बाद इसकी सूचना दे. बाद में की गई शिकायत पर गौर नहीं होगा
- जो वादी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा का फायदा नहीं उठा सकते, उनके उचित इंतज़ाम किये जाये.
- जब तक हाई कोर्ट्स की ओर से उचित नियम नहीं बनाये जाते, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का इस्तेमाल हो.
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किसी मामले में सबूत रिकॉर्ड नहीं होंगे. सबूत/गवाही रिकॉर्ड करने के लिए कोर्ट में बुलाया जाएगा
- सबूत रिकॉर्ड करते वक्त जज ये सुनिश्चित करे कि कोर्ट रूम में पर्याप्त फासला बने रहे. कोर्ट अपनी सुविधा के लिहाज से एंट्री को प्रतिबंधित कर सकते है.
- मुकदमे से जुड़े लोगों की एंट्री को प्रतिबंधित नहीं किया जाए, बशर्ते वो किसी स्वास्थ्य परेशानी से जूझ रहे हो. अगर कोर्ट रूम में भीड़ मैनेज नहीं हो पाती, तो जज सुनवाई को टाल सकते हैं.
- NIC पूरे देश में सुविधा से वीडियो कांफ्रेंसिंग सुनवाई सुनिश्चित करे
- लॉक डाउन खत्म होने के बाद भी वीडियो कांफ्रेंसिंग व्यवस्था खत्म नहीं होगी. इसे और बेहतर बनाने पर काम किया जाएगा.