अमेरिका ने अशांति फैलाने के लिए अपने पालतू जानवर इजरायल को छोड़ा हुआ है : सपा नेता एसटी हसन
Jasprit Bumrah: जसप्रीत बुमराह ने रचा नया कीर्तिमान, IND vs ENG टेस्ट में 5 विकेट लेते ही 9 गेंदबाजों को छोड़ा पीछे
Israel-Iran Conflict: ईरान-इजराइल के युद्ध में अब अमेरिका ने मारी एंट्री, तीन न्यूक्लियर साइट्स बरसाए बम, जानें चीन और रूस ने क्या कहा
विमान हादसे के कुछ दिनों बाद एयर इंडिया एसएटीएस के अधिकारियों की डीजे पार्टी पर बवाल, लोगों में आक्रोश
दिल्ली में व्यापारिक लाइसेंसिंग प्रक्रिया में बड़ा सुधार, अब नहीं पड़ेगी पुलिस से अनुमति लेने की जरूरत
बिना किसी दुर्घटना के रथ यात्रा आयोजित करना हमारा लक्ष्य : सीएम माझी
दिल्ली में एनआईए की बड़ी कार्रवाई, माओवादी सदस्य गिरफ्तार; कई उपकरण बरामद
झारखंड सरकार हूल क्रांति शहीदों के वंशजों की कर रही अनदेखी : रघुवर दास
ईरान से भारतीय छात्रों की सकुशल वापसी भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत का प्रतीक : गौरव वल्लभ

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या यमुना एक्सप्रेसवे जेपी एसोसिएट्स का है, 165 किमी हाइवे को बेचने की तैयारी

पैसे जुटाने के लिए जेपी ग्रुप की यमुना एक्सप्रेस वे को बेचने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह साफ किया जाना चाहिये कि करोड़ों रुपये की लागत से बना छह लेन का यमुना एक्सप्रेसवे जेपी समूह का ही है।

पैसे जुटाने के लिए जेपी ग्रुप की यमुना एक्सप्रेस वे को बेचने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह साफ किया जाना चाहिये कि करोड़ों रुपये की लागत से बना छह लेन का यमुना एक्सप्रेसवे जेपी समूह का ही है।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या यमुना एक्सप्रेसवे जेपी एसोसिएट्स का है, 165 किमी हाइवे को बेचने की तैयारी

पैसे जुटाने के लिए जेपी ग्रुप की यमुना एक्सप्रेस वे को बेचने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह साफ किया जाना चाहिये कि करोड़ों रुपये की लागत से बना छह लेन का यमुना एक्सप्रेसवे जेपी समूह का ही है।

Advertisment

165 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ता है। इसे बेचे जाने के खिलाफ आईडीबीआई बैंक ने आपत्ति जताई है।

चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने ये सवाल जेपी एसोशिएट्स से किया। दरअसल पैसा जुटाने के लिये जेपी ग्रुप इस हाइवे को बेचना चाहता है।

जेपी एसोशिएट्स के वकील कपिल सिबल ने बेंच को बताया कि कंपनी ने इस प्रॉपर्टी को बेचने के लिये 2500 करोड़ का प्रस्ताव रखा है।

लेकिन आईडीबीआई बैंक के वकील ने सिब्बल के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा और दावा किया कि उन्हें एक्सप्रेसवे को बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि यह संपत्ति कंपनी की नहीं है।

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने सिबल से पूछा, ‘यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि संपत्ति आपकी (जेपी एसोसिएट्स) है या नहीं।’

और पढ़ें: वायुसेना के लड़ाकू विमानों का लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर अभ्यास शुरू

कोर्ट के इस सवाल पर सिब्बल ने कहा कि कंपनी की प्राथमिकता घर खरीदने वाले इन्वेस्टर्स हैं जिन लोगों ने आवासीय योजनाओं में फ्लैट बुक करवाए हैं। कंपनी इन लोगों की सदद करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि बेचने से मिलने वाली रकम को प्रोजेक्ट्स को पूरा करने और इनवेस्टर्स को उनके फ्लैट का अधिकार देने में खर्च किया जाएगा।

और पढ़ें: फडणवीस का शिवसेना पर कटाक्ष, कहा- स्वार्थी दोस्त से उदार विपक्ष भला

Source : News Nation Bureau

Supreme Court Jaypee Associates Yamuna Express Way
      
Advertisment