जम्मू-कश्मीर के संविधान में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से मांगा जवाब

अगर जम्मू-कश्मीर की स्थाई निवासी महिला कश्मीर से बाहर के शख्स से शादी करती है, तो वो सूबे में सम्पति, रोजगार के तमाम हक़ खो देगी और साथ ही बच्चों को भी परमानेंट रेसिडेंट सर्टिफिकेट नही मिलेगा।

अगर जम्मू-कश्मीर की स्थाई निवासी महिला कश्मीर से बाहर के शख्स से शादी करती है, तो वो सूबे में सम्पति, रोजगार के तमाम हक़ खो देगी और साथ ही बच्चों को भी परमानेंट रेसिडेंट सर्टिफिकेट नही मिलेगा।

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kunal kaushal
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जम्मू-कश्मीर के संविधान में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर संविधान के कुछ प्रावधानों (सेक्शन 6 और आर्टिकल 35 A) को चुनौती देने वाली याचिका पर केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है।

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याचिककर्ता के मुताबिक संविधान के इन प्रावधानों के तहत अगर जम्मू-कश्मीर की स्थाई निवासी महिला कश्मीर से बाहर के शख्स से शादी करती है, तो वो सूबे में सम्पति, रोजगार के तमाम हक़ खो देगी और साथ ही बच्चों को भी परमानेंट रेसिडेंट सर्टिफिकेट नही मिलेगा।

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के अलावा अन्य भारतीय नागरिक राज्य में अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते और ना ही मताधिकार हासिल कर सकते हैं।

आर्टिकल35 A के तहत जम्मू-कश्मीर में रह रहे पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी, बाल्मीकी, गोरखा सहित लाखों लोग, 6 दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी ये न तो सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं और न ही इनके बच्चे यहां व्यावसायिक शिक्षा में दाखिला ले सकते हैं।

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर का गैर स्थायी नागरिक (नॉन पीआरसी) लोकसभा में तो वोट दे सकता है, लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव में वोट नहीं दे सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल को सुनवाई की अगली तारीख यानि 14 अगस्त तक केंद्र सरकार का अपना रुख साफ करने का आदेश दिया है। 

HIGHLIGHTS

  • जम्मू-कश्मीर के संविधान (आर्टिकल 35 A) में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
  • जम्मू-कश्मीर में किसी दूसरे राज्य का नागरिक नहीं खरीद सकता को अचल संपत्ति

Source : Arvind Singh

Jammu and Kashmir constitutional status of kashmir Constitution of jammu and kashmir
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