1984 सिख विरोधी दंगे : सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, CBI 6 हफ्तों में देगी जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट से मिली उम्रकैद की सज़ा के खिलाफ सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर छह हफ्ते में जवाब मांगा है.
नई दिल्ली:
1984 के सिख विरोधी दंगे में सज़ायाफ्ता सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट से मिली उम्रकैद की सज़ा के खिलाफ सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर छह हफ्ते में जवाब मांगा है. छह हफ्ते बाद कोर्ट सज्जन कुमार की अपील पर सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार की ओर से दायर ज़मानत याचिका पर भी सीबीआई को नोटिस जारी किया है.
Supreme Court seeks CBI reply on an appeal filed by Sajjan Kumar challenging Delhi HC verdict convicting & sentencing him to life imprisonment in the 1984 anti-Sikh riots case, and posts the matter for hearing after six weeks. pic.twitter.com/xSvbNc9cIS
— ANI (@ANI) January 14, 2019
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सज्जन कुमार और अन्य पर पांच सिखों -केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुवेंदर सिंह, नरेंद्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह (एक ही परिवार के सदस्य) की जघन्य हत्या में शामिल होने का आरोप है. 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली के सैन्य छावनी क्षेत्र राज नगर में भीड़ ने इन पांचों की हत्या कर दी थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कुमार को आपराधिक षड्यंत्र रचने, शत्रुता को बढ़ावा देने, सांप्रदायिक सद्भाव के खिलाफ कृत्य करने का दोषी ठहराया था.
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अदालत ने पूर्व पार्षद बलवान खोखर, सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी भागमल, गिरधारी लाल, पूर्व विधायक महेंद्र यादव और कृष्ण खोखर की दोषिसद्धि भी बरकरार रखी थी. साथ ही कोर्ट ने अन्य दो आरोपियों की सज़ा तीन साल से बढ़ाकर दस साल कर दी थी.
अदालत ने सज्जन कुमार पर पांच लाख रुपये का और अन्य सभी आरोपियों पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. सीबीआई और दंगा पीड़ितों की याचिका पर हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था.
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