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सभी राज्यों के लिए 12वीं के एकसमान मूल्यांकन से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 12वीं की परीक्षा पर सभी राज्यों के लिए एक समान मूल्यांकन पर फैसला देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पूरे भारत में सभी राज्य बोर्डों के मूल्यांकन के लिए एक समान योजना नहीं हो सकती है.

Updated on: 24 Jun 2021, 11:50 AM

highlights

  • कोरोना के कारण रद्द हुई थीं 12वीं की परीक्षाएं
  • CBSE और ICSE ने सुप्रीम कोर्ट में दिया मूल्यांकन का फॉर्मूला
  • सभी राज्य अपने अलग मूल्यांकन पर कर रहे विचार

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 12वीं की परीक्षा पर सभी राज्यों के लिए एक समान मूल्यांकन पर फैसला देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पूरे भारत में सभी राज्य बोर्डों के मूल्यांकन के लिए एक समान योजना नहीं हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने बारहवीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ऐसा आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई और आईसीएसई परीक्षा को लेकर मूल्यांकन योजना पर अपनी सहमति दी थी. 

दरअसल कोरोना के कारण सीबीएसई और आईसीएसई समेत सभी राज्यों ने 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी थीं. CBSE और ICSE बोर्ड द्वारा सुप्रीम कोर्ट में मूल्यांकन का फॉर्मूला दिया गया जिस पर सुप्रीम कोर्ट अपनी सहमति दे चुका है. इस फॉर्मूले के तहत 12वीं के रिजल्ट में छात्रों को 30 फीसदी वेटेज 10वीं के रिजल्ट को, 30 फीसदी वेटेज 11वीं फाइनल के रिजल्ट को और 40 फीसदी वेटेज 12वीं प्री-बोर्ड के रिजल्ट को दिया जाएगा. 12वीं की मार्केशीट तैयार करने की डिटेल देते हुए सीबीआई ने कहा कि 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा, इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम और प्रेक्टिकल का नंबर लिया जाएगा. 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर का 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर नतीजे आएंगे. सीबीएसई ने कहा कि जो बच्चे परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए बाद में अलग व्यवस्था की जाएगी.

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CBSE का अंक देना का फार्मूला

कक्षा 10

- वेटेज 30% होगा. 5 विषयों में से तीन विषयों के थ्योरी पेपर के परफॉर्मेंस के आधार पर मार्क्स मिलेंगे. ये तीन विषय वे होंगे जिनमें स्टूडेंट की परफॉर्मेंस सबसे अच्छी रही होगी. 

क्लास 11  

- इसका वेटेज 30% होगा. फाइनल एग्जाम में सभी विषयों के थ्योरी पेपर की परफॉर्मेंस के आधार पर मार्क्स मिलेंगे.  

क्लास 12

- इसका वेटेज 40% होगा. यूनिट टेस्ट, मिड टर्म और प्री-बोर्ड एग्जाम की परफॉर्मेंस के आधार पर मार्क्स मिलेंगे. 

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कोरोना के कारण रद्द हुईं थी परीक्षा
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले केंद्र, सीबीएसई और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) को 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए परिणाम घोषित करने के मानदंड के बारे में सूचित करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था. CBSE ने अब स्कूल बेस्ड असेसमेंट और प्रैक्टिकल टेस्ट के मोड में बदलाव को लेकर नया सर्कुलर जारी किया है. बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों को लंबित आंतरिक या व्यवहारिक परीक्षाओं को ऑनलाइन पूरा करने के लिए कहा है.