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सुप्रीम कोर्ट की नसीहत, बलात्कार पीड़िता के बयान पर शक नहीं करें अदालतें

बलात्कार पीड़ितों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बलात्कार पीड़ित से ऐसा कोई सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए जिससे उसे कोई परेशानी नहीं हो।

Updated on: 23 Dec 2016, 12:18 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बलात्कार पीड़ित से ऐसा कोई सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए जिससे उसे कोई परेशानी नहीं हो
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतों को बलात्कार पीड़िता के बयान पर अविश्वास नहीं करना चाहिए

New Delhi:

बलात्कार पीड़ितों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बलात्कार पीड़ित से ऐसा कोई सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए जिससे उसे कोई परेशानी हो।

कोर्ट ने कहा कि अगर बलात्कार पीड़िता का बयान विश्वसनीय है तो फिर उससे परेशान किए जाने वाले सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए।

जस्टिस ए के सिकरी और ए एम सापरे की पीठ ने कहा कि बलात्कार जैसे मामलों में पीड़िता का बयान सबसे अहम होता है और किसी आरोपी को महज इस बयान के आधार पर दोषी साबित किया जा सकता है।

पीठ ने कहा कि अदालतों को अति दुर्लभ मामलों में ही पीड़िता से उसके दावे को पुख्ता करने वाले सबूतों के बारे में पूछा जाना चाहिए।'

फैसला लिखते हुए जस्टिस सिकरी ने कहा कि बलात्कार का यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिलाओं के बयान को शक की निगाह से नहीं देखा जाना चाहिए।

सीकरी ने कहा, 'अगर कोर्ट को लगता है कि पीड़िता का पक्ष संतोषजनक नहीं है तो वह उससे दावे को पुख्ता किए जाने के सबूतों के बारे में पूछ सकता है। किसी महिला से यह कहना अपमानजनक है कि कोर्ट उनके दावे पर तब तक भरोसा नहीं किया जा सकता जब तक कि वह इस दावे को साबित नहीं कर दें।