Advertisment

एम नागेश्‍वर राव की अंतरिम सीबीआई निदेशक पर नियुक्‍ति के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित

कॉमन कॉज एनजीओ की ओर से दाखिल याचिका में सीबीआई निदेशक की नियुक्ति प्रकिया को पारदर्शी, सार्वजनिक बनाये जाने की मांग भी की गई थी.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
एम नागेश्‍वर राव की अंतरिम सीबीआई निदेशक पर नियुक्‍ति के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट की प्रतीकात्‍मक तस्वीर

Advertisment

एम नागेश्वर राव (M Nageshwar Rao) की सीबीआई (CBI) के अंतरिम निदेशक पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कॉमन कॉज एनजीओ की ओर से दाखिल याचिका में सीबीआई निदेशक की नियुक्ति प्रकिया को पारदर्शी, सार्वजनिक बनाये जाने की मांग भी की गई थी. सरकार ने 10 जनवरी को एम नागेश्वर राव को आलोक वर्मा के हटने के बाद नए निदेशक की नियुक्ति तक अंतरिम निदेशक का कार्यभार दिया गया था.

यह भी पढ़ें : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर VHP का बड़ा फैसला, 4 महीने तक नहीं होगी कोई बात

वकील प्रशांत भूषण के जरिये एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि इस नियुक्ति के लिए हाई पावर कमेटी की मंजूरी नहीं ली गई जो DSPE एक्ट का उल्लंघन है, लिहाजा ये नियुक्ति रदद् होनी चाहिए. हाई पावर कमेटी में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस शामिल होते हैं. याचिका में कहा गया है कि इससे पहले 23 अक्टूबर को नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त किये जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट आठ जनवरी को रद्द कर चुका है, उसके बावजूद सरकार ने मनमाने, गैर क़ानूनी तरीके से उनको फिर से अंतरिम निदेशक बना दिया. इसके अलावा याचिका में सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये स्पष्ट व्यवस्था देने का अनुरोध किया गया है.

इससे पहले CBI के अंतरिम निदेशक के तौर पर एम नागेश्वर राव की नियुक्‍ति को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करने से जस्‍टिस रंजन गोगोई और जस्‍टिस एके सीकरी ने खुद को अलग कर लिया था.

यह भी पढ़ें : बसपा सुप्रीमो मायावती की टि्वटर पर एंट्री, जनता और मीडिया से करेंगी सीधा संवाद

जस्टिस एके सीकरी को पिछली बार हाई पावर कमेटी के सदस्य के तौर पर आलोक वर्मा के बारे में फैसला लेने के लिए चीफ जस्टिस ने नामित किया था. उनके और प्रधानमंत्री के एकमत होने के चलते आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद से हटना पड़ा था, जिस पर काफी विवाद भी हुआ था. जस्टिस एके सीकरी के बार-बार सुनने के अनुरोध पर जस्टिस सीकरी ने सुनवाई से इंकार करते हुए कहा- याचिका में सवाल अहम है. काश! मैं इस पर सुनवाई कर पाता.

इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने भी खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा- चूंकि वो सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति करने वाली चयन समिति की बैठक में हिस्सा लेंगे, लिहाजा वो इस पर सुनवाई नहीं करेंगे.

Source : Arvind Singh

M Nageshwar rao Supreme Court Common Cause Interim CBI Director
Advertisment
Advertisment
Advertisment