पटाख़ो की बिक्री पर लगी रोक बरकरार रखने पर फैसला सुरक्षित
दिल्ली में पटाख़ो की बिक्री पर लगी रोक को बरकरार रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाख़िल की गई थी, जिसपर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच के सामने ये मामला उठाया गया था। जिसमें इसी साल 12 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश जिसमें कुछ बदलाव के साथ दिल्ली और एनसीआर के आसपास वाले इलाक़े में पटाख़े बिक्री के आदेश दिए थे।
बता दें कि पिछले साल 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में पटाखे की बिक्री पर बैन संबंधी आदेश पारित किया था। इस याचिका में उसी आदेश को बहाल रखने को कहा गया है।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर को दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस पर लगी रोक कुछ नई शर्तों के साथ हटा दी थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर 2016 को पटाखे बिक्री का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया था।
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बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर को पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस निलंबित किए जाने के अपने आदेश में संशोधन किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'पटाख़े बेचने का स्थायी लाइसेंस निलंबित करने के 11 नवंबर, 2016 का आदेश कुछ समय के लिए हटाया जा रहा है। दिवाली के बाद इसकी समीक्षा की जरूरत हो सकती है, लेकिन यह इस पर्व के बाद वायु की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।'
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी. लोकूर ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष की अगुवाई में एक कमिटी गठित की थी। उनसे कहा गया था कि वो दशहरे और दिवाली के बाद लोगों के स्वास्थ्य पर पटाख़े से हो वाले दुष्प्रभाव के बारे में अध्ययन करे और जानकारी सौंपे।
इसके साथ ही अदालत ने दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिया था कि वह पटाख़ों की बिक्री के लिए पिछले साल जारी अस्थायी लाइसेंस की संख्या घटाए।
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Source : News Nation Bureau