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प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
Coronavirus (Covid-19) :कोरोना महामारी (Corona Pendamic) के दौरान दलित, मुस्लिम, नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाने वाली कुछ वकीलों की ओर से दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कहा कि ऐसा लगता है वकीलों ने मिलकर कुछ भी फाइल कर दिया है. कोर्ट सवालिया लहजे में पूछा कि किस आधार पर ये दलीलें दी जा रही हैं? उन्होंने कहा कि ऐसी आशंकाओं से निपटने (Coronavirus (Covid-19), Lockdown Part 2 Day 1, Lockdown 2.0 Day one, Corona Virus In India, Corona In India, Covid-19) के लिए सरकार के पहले से दिशा निर्देश, एडवाइजरी है.
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सुप्रीम कोर्ट ने अख्तियार किया सख्त रुख
वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस (Coronavirus) से मची त्रासदी से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन (Lockdown) के बीच मजदूरों की आवाजाही के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सख्ती दिखाई है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मामले की जांच करने और दो राज्यों के बीच मजदूरों की आवाजाही पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि प्रवासी मजदूरों की आवाजाही नहीं बंद हुई है, इस बात को कैसे सत्यापित किया जाएगा. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कुछ राज्य सरकारों का कहना है कि वे लोगों को उनके मूल गांवों में वापस भेज देंगे, लेकिन गृह मंत्रालय ने अभी किसी तरह की आवाजाही की अनुमति नहीं दी है.
आवाजाही की बिल्कुल भी अनुमति नहीं होगी
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, गृह मंत्रालय ने मजदूरों को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. बीते दिनों गृह मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी करते हुए कहा था कि मजदूरों को किसी भी प्रकार के अंतर-राज्य आवाजाही की अनुमति नहीं होगी. यह निर्देश जारी करते हुए गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा था कि लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए मजदूरों को कुछ शर्तों के साथ राज्य के भीतर उनके वर्कप्लेस पर जाने की अनुमति होगी, जबकि तीन मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को किसी भी प्रकार के अंतर-राज्य आवाजाही की अनुमति नहीं होगी.