सामान्‍य वर्ग को 10% आरक्षण देने के फैसले पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इन्‍कार

कोर्ट फैसले के खिलाफ तहसीन पूनावाला की याचिका पर पहले से ही दायर दूसरी याचिकाओं के साथ सुनवाई करेगा.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
सामान्‍य वर्ग को 10% आरक्षण देने के फैसले पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इन्‍कार

सुप्रीम कोर्ट की प्रतीकात्‍मक तस्वीर

सामान्य वर्ग के आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को 10 % आरक्षण दिए जाने के सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इन्‍कार कर दिया है. कोर्ट फैसले के खिलाफ तहसीन पूनावाला की याचिका पर पहले से ही दायर दूसरी याचिकाओं के साथ सुनवाई करेगा. कोर्ट पहले ही केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में कहा गया है कि आर्थिक तौर पर आरक्षण असंवैधानिक है और ये कोर्ट द्वारा तय 50 फीसदी आरक्षण की अधिकतम सीमा का हनन करता है.

Advertisment

इससे पहले कोर्ट ने 25 जनवरी को सुनवाई करते हुए इस पर सरकार से 3 हफ्ते में जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगाने से फिलहाल इन्‍कार कर दिया है. अब मामले की सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी. अगड़ी जातियों (सामान्य वर्ग में आने वाले लोगों) को आर्थिक आधार पर नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी.

याचिका में संविधान (124वें) संशोधन अधिनियम पर रोक लगाने की मांग की गई. दिल्ली के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) यूथ फॉर इक्वलिटी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि संशोधन से संविधान की मूल संरचना का अतिक्रमण होता है. याचिकाकर्ता ने 1992 के इंदिरा साहनी मामले का हवाला दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्थिक मानदंड संविधान के तहत आरक्षण का एकमात्र आधार नहीं हो सकता है.

याचिका के अनुसार, संविधान संशोधन (124वें) पूर्ण रूप से संवैधानिक मानक का उल्लंघन करता है. इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों द्वारा कहा गया था कि आर्थिक मानदंड आरक्षण का एकमात्र आधार नहीं हो सकता है. ऐसा संशोधन दोषपूर्ण है और इसे अवैध ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें फैसले का खंडन किया गया है.

Source : Arvind Singh

Supreme Court Reservation to upper caste Reservation to general Catagory Quota to upper caste
      
Advertisment