भारतीयों विमानों से VT हटाने पर सुप्रीम कोर्ट का इंकार, कहा सरकार के समक्ष रखें अपना पक्ष

भारतीय विमानों पर पंजीकरण कोड (कॉल साइन) के साथ ‘वीटी’ लिखने के खिलाफ़ केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से दिल्ली हाइकोर्ट ने इनकार कर दिया, दरअसल कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सरकार के समक्ष अपनी बात रखने को कहा है.

भारतीय विमानों पर पंजीकरण कोड (कॉल साइन) के साथ ‘वीटी’ लिखने के खिलाफ़ केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से दिल्ली हाइकोर्ट ने इनकार कर दिया, दरअसल कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सरकार के समक्ष अपनी बात रखने को कहा है.

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Sunder Singh
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file photo( Photo Credit : News Nation)

भारतीय विमानों पर पंजीकरण कोड (कॉल साइन) के साथ  ‘वीटी’ लिखने के खिलाफ़ केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से दिल्ली हाइकोर्ट ने इनकार कर दिया, दरअसल कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सरकार के समक्ष अपनी बात रखने को कहा है. 
याचिका में कहा गया था कि आजादी के 75 साल बाद भी वीटी (विक्टोरियन/वायसराय टेरिटरी) का इस्तेमाल गुलामी की निशानी का प्रतीक है, जिसे बदला जाना चाहिए. याचिकाकर्ता वकील और भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दलील दी थी की यह साइन ब्रिटिश विरासत का प्रतीक है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गेंद को सरकार के पाले में डालते हुए सरकार के समक्ष पक्ष रखने की बात कही है. 

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आपको बता दें कि सिर्फ भारत में ही यह साइन विमानों पर रह गया है, बाकी ब्रिटिश उपनिवेश रह चुके देशों ने कॉल साइन छोड़ दिया है. दरअसल अंग्रेजों ने अपने सभी सभी उपनिवेशो के लिए V से शुरू होने वाले शब्दों का कोड बनाया था, ताकि विक्टोरियन परचम का मैसेज पूरी दुनिया को दे सकें. 
ये अलग बात है कि आजादी के बाद ज्यादातर देशों ने विक्टोरियन साइन को मिटा दिया, जिनमें नेपाल, पाकिस्तान, चीन और श्रीलंका भी शामिल हैं, लेकिन हैरान करता है की भारत में अब भी इस साइन का इस्तेमाल हो रहा है. भारत में रजिस्टर्ड होने वाले सभी एयरक्राफ्ट पर पिछले वाले दरवाजे और खिड़की के ऊपर ये vt साइन नज़र आता है.

याचिका में कहा गया है कि यह कोड 1929 में ब्रिटिश शासकों ने हमे दिया था लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत जैसा एक संप्रभुता सम्पन्न राष्ट्र आज भी ब्रिटिश दासता के प्रतीक इस VT साइन कोड को ढो रहा है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने साल 2004 में इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन से इस कोड को बदलने के लिए लेटर लिखा था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. आज भी भारत के प्रधानमंत्री भी जब विदेश यात्रा पर जाते है तो उनके विमान पर ये VT साइन नज़र आता है, ये राष्ट्रीय शर्मिंदगी की तरह है.

HIGHLIGHTS

  • याचिकाकर्ता ने वीटी हटाने के लिए की याचिका दायर
  • दिया था ब्रिटिश सरकार का चिन्ह होने का हवाला 
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा सरकार के समक्ष रखें अपना पक्ष
Delhi High Court petition दिल्ली हाईकोर्ट Indian aircraft Ashwini Upadhyay code VT
      
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