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Supreme Court Refuses to hold Newly Appointed EC ( Photo Credit : File)
Supreme Court: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. 19 अप्रैल से पहले चरण का मतदान भी शुरू हो जाएगा. ऐसे में चुनाव आयोग मतदान से पूर्व ही बड़े कदम उठा रहा है. इस बीच चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने बड़ी बात कही है. दरअसल हाल में इलेक्शन कमिशन्र की नियुक्ति पर रोक लगाए जाने को लेकर कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इन नियुक्तियों पर रोक नहीं लगाएगा. दरअसल शीर्ष अदालत ने इस मामले में दखल देने से ही इनकार कर दिया है.
दखल न देने के पीछे सुप्रीम कोर्ट की बड़ी वजह
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक लगाने वाले मामले में दखल देने के पीछे बड़ी वजह बताई है. कोर्ट ने कहा है कि इससे अव्यवस्था फैलेगी. दरअसल अनूप चंद्र पांडे के 14 फरवरी को सेवानिवृत्त होने के और 8 मार्च को अरुण गोयल के अचानक रिजाइन करने के बाद निर्वाचन आयोग में ये दो पद खाली हो गए थे. लिहाजा इन दोनों ही पदों पर नियुक्ति की गई.
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नियुक्ति पर शीर्ष अदालत ने उठाए थे सवाल
बता दें कि पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों को लेकर सवाल उठाए थे. कोर्ट ने कहा था कि दो घंटे के अंदर 200 लोगों की स्क्रीनिंग किस आधार पर की गई. इसको लेकर न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने एसजी से पूछा कि क्या नेता प्रतिपक्ष को वक्त नहीं देना चाहिए था. 200 नामों के लिए उनको महज दो घंटों का वक्त मिला. इस तरह की नियुक्तियों में पारदर्शिता होना जरूरी है.
प्रक्रिया को लेकर उठाया सवाल
शीर्ष अदालत ने कहा कि कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में चुनाव आयुक्त के नाम पर सवाल नहीं उठाया गया है. बल्कि उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सवाल किए गए हैं. हालांकि उनकी इस दलील में दम है. कोर्ट ने यह भी कहा कि योग्य नाम पर विचार के लिए चयन समिति को पर्याप्त वक्त दिया जाना चाहिए.
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Source : News Nation Bureau