हज कराने वाले ऑपरेटर ने अपील में की देरी, तो SC बोला-अब तक कहां थे?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब काफी देरी हो चुकी है. ऐसे ही मामलों से जुड़ी याचिकाओं को पहले ही खारिज कर चुका है. अब वो इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता. इस बीच अल-इस्लाम टूर कॉरपोरेशन की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट को ये पूरा मामला...
highlights
- टूर ऑपरेटर की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
- अब अनुमति देने का मतलब है पूरी प्रक्रिया को फिर से शुरू करना
- इस साल हज पर जा सकेंगे सिर्फ 79,237 यात्री
नई दिल्ली:
भारत के यात्रियों को हज यात्रा करने में सहायता करने वाली टूर ऑपरेटर कंपनी अल-इस्लाम टूर कॉरपोरेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ये मांग की थी कि उसे भी आधिकारिक टूर ऑपरेटर्स की लिस्ट में शामिल किया जाए. उसने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया था. सारी प्रक्रिया पूरी की थी, लेकिन आखिरी लिस्ट में उसका नाम नहीं है. जबकि उसकी तरफ से हजारों हज यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, इसके बावजूद वो हज पर नहीं जा पा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने वादी की याचिका सुनने के बाद पूछा कि अब तक आप कहां थे? अब इस मामले में कुछ नहीं हो सकता, क्योंकि यात्रा में सिर्फ एक महीने का समय है. और अगर आपका नाम इसमें शामिल किया जाता है, तो पूरी प्रक्रिया ही फिर से शुरू करने की जरूरत पड़ेगी. सुप्रीम कोर्ट ने आखिर में पूछ ही लिया कि अब तक आप कहां थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब काफी देरी हो चुकी है. ऐसे ही मामलों से जुड़ी याचिकाओं को पहले ही खारिज कर चुका है. अब वो इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता. इस बीच अल-इस्लाम टूर कॉरपोरेशन की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट को ये पूरा मामला इसलिए भी देखना चाहिए, क्योंकि ये उनके बिजनेस के लिए बेहद अहम है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनवाई से मना करने पर याचिका को वापस ले लिया गया और ये याचिका अपने आप खारिज हो गई.
इस साल सिर्फ 79,237 यात्री ही कर सकेंगे हज
बता दें कि हज 2022 के लिए भारत का हज कोटा 79,237 हज यात्रियों का तय किया गया है. इसमें से 56,601 हज यात्री भारतीय हज समिति के माध्यम से हज पर जाएंगे तो 22,636 हज यात्री निजी टूर ऑपरेटर के जरिये जाएंगे. सऊदी अरब सरकार की ओर से तय नियमों के मुताबिक, हज यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच कराना और टीके की दोनों खुराक लेना जरूरी है. इस बार दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलुरू, श्रीनगर, गुवाहाटी और कोच्चि के तौर पर 10 प्रस्थान स्थल (इम्बारकेशन प्वाइंट) तय किए हैं. पहले 21 प्रस्थान स्थल होते थे.
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कोरोना महामारी की वजह से रुकी हुई थी हज यात्रा
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर सऊदी अरब की ओर से सिर्फ स्थानीय लोगों को सीमित संख्या में हज की अनुमति दिए जाने के कारण पिछले साल भारतीय हज यात्री हज यात्रा पर नहीं जा सके थे. दो साल के अंतराल के बाद भारतीय हज यात्री हज पर जा सकेंगे. साल 2020 में भी कोरोना महामारी के कारण सऊदी सरकार ने दूसरे देशों से आग्रह किया था कि वे अपने हज यात्रियों को नहीं भेजें, जिस कारण भारत से हज यात्री नहीं जा सके थे. सामान्य दिनों में भारतीय हज समिति और निजी टूर ऑपरेटरों के जरिए हर साल करीब दो लाख लोग भारत से हज यात्रा पर जाते हैं.
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