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सुप्रीम कोर्ट ने टीटीवी दिनाकरण के संगठन को 'प्रेशर कुकर' चुनाव चिह्न देने की मांग नहीं मानी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिनाकरण के नेतृत्व वाले गुट के विजयी प्रत्याशियों को सभी व्यवहारिक उद्देश्यों के लिये निर्दलीय माना जाएगा.

Updated on: 26 Mar 2019, 01:22 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह लोकसभा चुनाव/विधानसभा उपचुनाव के लिए टीटीवी दिनाकरन-शशिकला के गुट वाली पार्टी को कोई उपलब्ध चुनाव चिन्ह दे. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को दिनाकरन के नेतृत्व वाली पार्टी अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (AMMK) को समान चुनाव चिह्न् प्रेशर कुकर आवंटित करने की मांग नहीं मानी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने साफ किया है कि चुनाव आयोग को एक समान चुनाव चिह्न के लिये उसके आदेश का मतलब टीटीवी दिनाकरण के नेतृत्व वाले संगठन को राजनीतिक समूह के रूप में मान्यता देना नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि दिनाकरण के नेतृत्व वाले गुट के विजयी प्रत्याशियों को सभी व्यवहारिक उद्देश्यों के लिये निर्दलीय माना जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह चुनाव आयोग का कार्य और अधिकार है कि दिनाकरन के संगठन को राजनीतिक दल की मान्यता दे.

दिनाकरण ने आर.के. नगर विधानसभा उपचुनाव में चुनाव चिह्न् प्रेशर कुकर के साथ स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था. यह सीट पहले दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के पास थी.

AIADMK के दो गुटों में बंटने के बाद दोनों पक्षों ने दो पत्तियों वाले चुनाव चिह्न् का दावा किया था. चुनाव आयोग ने पलानीस्वामी के समूह को वास्तविक AIADMK माना था और उसे ही दो पत्तियों वाला चुनाव चिह्न् प्रदान किया था.