पटाख़ों पर सुप्रीम कोर्ट सख़्त, फैसले पर पुनर्विचार याचिका ठुकराई, कहा- बेचने की नहीं दी जा सकती इजाज़त
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ ग्रीन पटाख़े ही बेचे जा सकते हैं. भले ही सामान्य पटाख़ों का उत्पादन कर दिया गया हो लेकिन उसे बेचा नहीं जा सकता है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से स्पष्ट किया है कि दिल्ली और एनसीआर में सिर्फ ग्रीन पटाख़े ही बेचे जाएंगे. कोर्ट ने यह भी साफ़ किया कि भले ही पटाख़ों का उत्पादन पहले हो गया हो लेकिन उसे बेचने की इजाज़त नहीं दी जा सकती है. हालांकि दिल्ली-एनसीआर के बाकी हिस्सों में पहले से बने सामान्य पटाखे इस बार बिक सकेंगे. कोर्ट ने गुरुपर्व के मौके पर सुबह (प्रभात फेरी) और शाम को एक-एक घण्टा पटाखे चलाने की इजाजत दी है.
पटाख़ा निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस साल, दिल्ली- एनसीआर में, ग्रीन पटाख़े के अलावा बाकी पटाख़ों के निर्माण और बिक्री की इजाजत मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा- इसका मतलब आप ये कहना चाहते है कि आपको इस साल हवा को प्रदूषित करने की इजाजत दे, आप अगले साल सुधरेंगे.
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ ग्रीन पटाख़े ही बेचे जा सकते हैं. भले ही सामान्य पटाख़ों का उत्पादन कर दिया गया हो लेकिन उसे बेचा नहीं जा सकता है.
Supreme Court today refused to modify its order and said that only green crackers will be sold in Delhi and NCR. SC also said that polluting firecrackers which have already manufactured will not be allowed to be sold in Delhi and NCR. pic.twitter.com/nTUsh5LufB
— ANI (@ANI) October 31, 2018
बता दें कि मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि दीपावली पर ग्रीन पटाख़े जलाने की शर्त वाला आदेश सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक सीमित है.
बाकी राज्यों में सामान्य पटाख़े फोड़े जा सकते हैं. वहीं दो घंटे पटाख़े जलाने वाला आदेश पूरे देश पर लागू होता है. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दो घंटे पटाख़े फोड़ने का समय क्या हो यह राज्य सरकार तय कर सकती है लेकिन समय सीमा बढ़ाई नहीं जाएगी. गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने परंपरा का हवाला देकर सुबह दो घंटे पटाख़े जलाने की इजाजत मांगी थी.
तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि उसके राज्य में दिवाली पर तड़के 4.30 बजे से 6.30 बजे तक आतिशबाजी करने दी जाए क्योंकि राज्य में दीवाली सुबह मनाई जाती है. शीर्ष अदालत ने 23 अक्टूबर को आदेश दिया था कि दिवाली और अन्य धार्मिक पर्वो पर आतिशबाजी रात आठ बजे से 10 बजे तक की जा सकेगी.
आदेश में कहा था कि क्रिसमस और नव वर्ष के मौके पर रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक आतिशबाजी की जा सकेगी.
तमिलनाडु सरकार ने कहा कि तड़के 4.30 से 6.30 बजे तक और रात आठ बजे से 10 बजे तक आतिशबाजी चलाने की अनुमति देने से तमिल लोगों (सुबह) तथा राज्य में रहने वाले देश के अन्य भाग के लोगों को (रात में) दिवाली मनाने की सुविधा मिल जाएगी.
तमिलनाडु में इस वर्ष दिवाली छह नवंबर को तड़के मनाई जा रही है.
राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि दिवाली के दिन यहां लोग तड़के चार बजे जाग जाते हैं, फिर तेल से नहाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और आतिशबाजी चलाते हुए त्यौहार मनाते हैं.
और पढ़ें- दिवाली से पहले ही लोगों के घुट रहे हैं दम, पटाखों से यूं बचाएं सेहत को
प्रदेश सरकार ने अनुच्छेद 25 का उल्लेख करते हुए तर्क दिया कि दीवाली अनंत काल से हिंदुओं के लिए एक धार्मिक क्रियाकलाप है और यह अनुच्छेद 25 के अंतर्गत वैध है. अनुच्छेद 25 के अंतर्गत धार्मिक रीति-रिवाज निभाने की आजादी प्रदान की गई है.
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