सेंट्रल विस्टा पर याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका, दिल्ली HC के आदेश में दखल से इनकार
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को रोकने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है.
नई दिल्ली:
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को रोकने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है और साथ ही याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में न केवल याचिका को खारिज किया था, बल्कि याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. जिसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
यह भी पढ़ें : पूर्व नियोजित थी पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा, कमेटी ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली दिल्ली से लगे एक लाख के जुर्माने के खिलाफ दायर अर्जी को खारिज किया. साथ में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से याचिकाकर्ता की मंशा को लकर उठे सवाल को भी जायज माना है. सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आपने सिर्फ एक प्रोजेक्ट पर रोक की मांग की, जबकि राजधानी में दूसरे प्रोजेक्ट भी चल रहे थे.
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि हाईकोर्ट ने बिना किसी कारण के उनके वास्तविक इरादों को गलत तरीके से समझने के अलावा याचिका को बिना किसी जांच के महज फेस वैल्यू के आधार पर खारिज कर दिया. याचिकाकर्ताओं ने अपनी दलील में कहा था कि उनकी याचिका पूरी तरह से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित थी, क्योंकि कोविड की भयावह दूसरी लहर ने दिल्ली शहर को तबाह कर दिया था और यहां की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को उजागर कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना पर हमला मान लिया.
यह भी पढ़ें : दिल्ली, पश्चिम बंगाल और असम को भी लागू करनी पड़ेगी मोदी सरकार की ये योजना, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
याचिका में यह दलील भी दी गई था कि चल रही निर्माण गतिविधि में सुपर स्प्रेडर (तेजी से संक्रमण) की संभावना है और शहर के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले श्रमिकों के साइट से उनके आवास तक आने-जाने के कारण श्रमिकों और दिल्ली के निवासियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम है. इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि सेंट्रल विस्टा परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है और इसे नवंबर 2021 तक समयबद्ध कार्यक्रम के भीतर पूरा किया जाना है. अदालत ने कहा था कि जनता इस परियोजना में व्यापक रूप से रुचि रखती है, जिसमें एक नया त्रिकोणीय संसद भवन शामिल है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य