ये कैसी याचिका है, अनुच्‍छेद 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर CJI नाराज

चीफ जस्‍टिस ने कहा, हम आपकी याचिका को खारिज कर सकते थे, पर अभी नही कर रहे क्योंकि इससे संबंधित अन्‍य याचिकाओं पर इसका असर पड़ेगा.

चीफ जस्‍टिस ने कहा, हम आपकी याचिका को खारिज कर सकते थे, पर अभी नही कर रहे क्योंकि इससे संबंधित अन्‍य याचिकाओं पर इसका असर पड़ेगा.

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Sunil Mishra
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ये कैसी याचिका है, अनुच्‍छेद 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर CJI नाराज

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

अनुच्‍छेद 370 को बेअसर करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को लेकर चीफ जस्‍टिस की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई. चीफ जस्‍टिस ने कहा, ये कैसी याचिका है. आपकी मांग क्या है, याचिका के समर्थन में दस्तावेज भी आपने जमा नहीं कराए. मैंने याचिका को आधे घंटे तक पढ़ा, लेकिन आप क्या कहना चाहते है, ये मैं समझ नहीं पाया. दूसरी ओर, जम्मू कश्मीर में मीडिया पर प्रतिबंध हटाने की मांग वाली अनुराधा भसीन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा, सरकार वहां की स्थिति का लगातार आकलन कर रही है. वक्त के साथ प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं. कोर्ट ने अनुराधा भसीन को अभी इंतजार करने की बात कहते हुए याचिका को पेंडिंग रखा और कोई आदेश पास नहीं किया.

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चीफ जस्‍टिस ने मनोहर लाल शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, हम आपकी याचिका को खारिज कर सकते थे, पर अभी नही कर रहे क्योंकि इससे संबंधित अन्‍य याचिकाओं पर इसका असर पड़ेगा. इस पर याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने याचिका में संसोधन की इजाज़त मांगी. एमएल शर्मा ने कहा कि वो सही फॉर्म में याचिका इसलिए दाखिल नहीं कर पाए, क्‍याकि उनकी आंख में चोट लग गई थी. इस मामले में कैवियट दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता के वकील ने शर्मा पर जुर्माना लगाने की मांग की, लेकिन CJI ने जुर्माना नहीं लगाया.

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सुप्रीम कोर्ट ने बाकी याचिककर्ताओं के वकीलों की भी डिफेक्टिव पिटीशन दायर करने के लिए खिंचाई करते हुए कहा- इतने गम्भीर मामले में त्रुटि वाली याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं. बता दें कि आर्टिकल 370 को हटाने के खिलाफ कुल 6 याचिकाएं दायर की गई हैं.

इससे पहले 13 अगस्‍त को जम्‍मू-कश्‍मीर से धारा 144 हटाने, वहां के हालात की समीक्षा के लिए न्‍यायिक आयोग गठित करने और उमर अब्‍दुल्‍ला-महबूबा मुफ्ती की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्‍काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हम मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद करेंगे और देखेंगे कि क्या होता है. कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने जम्‍मू-कश्‍मीर में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जम्‍मू-कश्‍मीर से कर्फ्यू हटाने, फोन लाइन, इंटरनेट, न्यूज चैनल और अन्य प्रतिबंध हटाने की मांग की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की ओर से दलीलें पेश कर रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से पूछा, 'आप इसे (प्रतिबंध) कब तक जारी रखने वाले हैं? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा, 'हम हालात की रोजाना समीक्षा कर रहे हैं. यह बेहद संवेदनशील है और सभी के हित में है. एक भी बूंद खून नहीं बहा, किसी की जान नहीं गई. केंद्र सरकार बहुत सतर्कता बरत रही है.

HIGHLIGHTS

  • सीजेआई ने पूछा, ये कैसी याचिका है, आधे घंटे पढ़ने पर भी समझ में नहीं आया
  • अधिवक्‍ता मनोहरलाल शर्मा ने जवाब दिया, आंख में चोट लगी थी, इसलिए गलती हुई
  • कैविएट दाखिल करने वाले वकील ने जुर्माना लगाने की मांग की पर CJI ने नहीं लगाया 

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

Supreme Court INDIA Jammu and Kashmir Article 370 Manohar Lal Sharma
      
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