वन भूमि आवंटन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई यूपी सरकार को फटकार, कहा- आप सोते रहिए

जस्टिस अरुण मिश्रा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, आप पिछले 26 साल से सो रहे थे. आप सोते ही रहिए, इसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे

जस्टिस अरुण मिश्रा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, आप पिछले 26 साल से सो रहे थे. आप सोते ही रहिए, इसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे

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Aditi Sharma
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वन भूमि आवंटन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई यूपी सरकार को फटकार, कहा- आप सोते रहिए

सुप्रीम कोर्ट ने वन भूमि पर हुए ज़मीन आवंटन को लेकर सुस्त रवैया अपनाने के चलते यूपी सरकार को फटकार लगाई है. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 1994 के बाद रेणुकूट-मिर्ज़ापुर में वन भूमि पर हुए ज़मीन आवंटन रद्द करने की मांग की थी. यूपी सरकार का कहना था कि 1994 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाये बैन के बावजूद फॉरेस्ट अफसर, डिस्ट्रिक्ट जज जमीन आवंटन का आदेश देते रहे और वन भूमि का अतिक्रमण करके इंडस्ट्री, फैक्ट्री, एनटीपीसी , विद्युत निगम के प्लांट बना दिये गए.

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कोर्ट ने इतने वक़्त बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख करने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई. जस्टिस अरुण मिश्रा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, आप पिछले 26 साल से सो रहे थे. आप सोते ही रहिए, इसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे. अभी तक आपके अधिकारी आवंटन के आदेश पास कर रहे थे. क्या आपका अपने ही अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं है. क्या हम दूसरे पक्ष को सुने बिना आवंटन रद्द कर दे!

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जस्टिस अरुण मिश्रा ने यूपी सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि आप अभी तक सो रहे थे और आप चाहते हो कि बिना दूसरे पक्ष को सुने हम पिछले 26 सालों में आपके अधिकारियों की ओर से पास किये गए ज़मीन आवंटन को एकाएक रद्द कर दे. जो वहां इतने दिनों से है, हम उन्हें यूं ही नहीं हटा सकते. वहां एनटीपीसी/ विद्युत निगम के प्लांट है. हमें उनको नोटिस करना होगा. उनके पक्ष को सुने बगैर हम कैसे ज़मीन आंवटन को रद्द करने का आदेश पास कर सकते है.  कोर्ट ने आवंटियों की लिस्ट मांगी.

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यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि कि वन भूमि पर 1100 इंडस्ट्रीज/ लोगों ने ज़मीन को लेकर दावा पेश किया, जिसे वन अधिकारियों ने स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने यूपी सरकार से पुछा कि क्या आपके पास उन लोगों की लिस्ट मौजूद है, जिनको ज़मीन का आवंटन हुआ है. यूपी सरकार की ओर से बताया गया कि अभी पूरी लिस्ट मौजूद नहीं है. कोर्ट ने यूपी सरकार से 1 हफ्ते में उन तमाम इंडस्ट्रीज की लिस्ट देने को कहा है, जिनको वन भूमि पर ज़मीन आवंटित की गई थी.

Source : अरविंद सिंह

Supreme Court Up government Uttar Pradesh UP
      
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