अमेरिका और ब्रिटेन से क्यों नहीं सीखती हमारी पुलिस, सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल
अमेरिका और ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए कोर्ट ने कहा, पुलिस को कहीं ज़्यादा प्रोफेशनल होने की ज़रूरत है. वहां की पुलिस से हमारी पुलिस को सीखना चाहिए. पुलिस के गैर प्रोफेशनल होने के चलते ही हालात बिगड़े.
नई दिल्ली:
शाहीन बाग (Shaheen Bagh) मसले पर अभी सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को पुलिस की जमकर खिंचाई की. कोर्ट ने कहा, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने हिंसा भड़काने के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं की. अमेरिका और ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए कोर्ट ने कहा, पुलिस को कहीं ज़्यादा प्रोफेशनल होने की ज़रूरत है. वहां की पुलिस से हमारी पुलिस को सीखना चाहिए. पुलिस के गैर प्रोफेशनल होने के चलते ही हालात बिगड़े. कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रकाश सिंह केस (Praksh Singh Case) में दिए दिशा निर्देशों को अमल में लाने की ज़रूरत आ गई है. यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शाहीनबाग मसले पर सुनवाई 23 मार्च तक के लिए टाल दी.
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शाहीन बाग मसले की सुनवाई का सही समय नहीं: SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी शाहीन बाग में जमा प्रर्दशर्नकारियों को हटाने की मांग पर सुनवाई के लिए उपयुक्त समय नहीं है. अभी सभी पक्षों को संयम बरतने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा, सरकार ने ऐसे कदम नहीं उठाए कि पुलिस बिना किसी बाहरी निर्देश की ज़रूरत समझे क़ानून सम्मत एक्शन ले सके.
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कोर्ट ने कहा, याचिका का दायरा नहीं बढ़ाना चाहते
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अभी सभी पक्षों को संयम बरतना जरूरी है. जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा, हम ये मानते है कि कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई है, पर हमारे सामने दायर याचिका का दायरा सीमित है. जाफराबाद मामले को भी इसके साथ जोड़ने की गुहार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम इस याचिका का दायरा नहीं बढ़ाना चाहते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हिंसा वाले मसले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट पहले ही सुनवाई कर रहा है. हाई कोर्ट ने नोटिस भी जारी किया है.
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वार्ताकारों की रिपोर्ट में कई किंतु-परंतु : कोर्ट
जस्टिस कौल ने कहा, हमने वार्ताकारों की रिपोर्ट को देखा है. इसमे कई किंतु-परन्तु हैं. हम शाहीन बाग में जमा प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग तक ही सुनवाई को सीमित रखेंगे. सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रख रहे सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में एक कांस्टेबल की मौत हो गई, जबकि डीसीपी स्तर के अधिकारी की लिंचिंग हुई है.
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प्रकाश सिंह केस में जारी दिशानिर्देशों पर अमल हो
जस्टिस जोसेफ ने सुनवाई के दौरान कहा, हमारी एकमात्र निष्ठा संविधान के प्रति है. लोगों की जान जाने से गुस्सा है. अब वक्त आ गया है कि प्रकाश सिंह केस में जारी दिशानिर्देशों को सख्ती से अमल में लाया जाए. पुलिस को और ज़्यादा प्रोफेशनल रुख अपनाने की ज़रूरत है.
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