सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड के इस्तेमाल से जुड़ी निजता हनन की चिंताओं से जुड़ी दायर जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। 2009 में आधार के अस्तित्व में आने के बाद इसके इस्तेमाल पर निजी जानकारियों के ग़लत इस्तेमाल पर शंकाएं जारी है।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को ज़रुरी बनाने के सरकार की कोशिशों पर ब्रेक भी लगाया था और आधार कार्ड को सरकारी कामों के लिए अनिवार्य नहीं करने का आदेश जारी किया था।
और पढ़ें- पीएम ने कहा, पहले अनपढ़ को अंगूठा छाप कहते थे, अब अंगूठा ही सबकुछ है
जबकि आधार बिल में इसे सभी सरकारी कामों के लिए अनिवार्य माना गया है। नया आधार बिल में कुछ सुधार किए गए हैं। इसमें यूआईडी के इस्तेमाल पर बॉयोमेट्रिक जानकारी देने जैसे फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन जैसी बातें शामिल की गई है ताकि आधार नंबर का ग़लत इस्तेमाल न किया जा सके।
लेकिन इसमें निजी जानकारियों के इस्तेमाल से निजी जानकारियां लीक होने संबंधी एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। इसे सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया है।
और पढ़ें- अब आपका 12 डिजिट वाला आधार कार्ड बनेगा सभी पेमेंट का आधार
Source : News Nation Bureau