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कार्ति चिदंबरम (फाइल फोटो)
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कार्ति चिदंबरम (फाइल फोटो)
उच्चतम न्यायालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की उस याचिका पर विचार करने से मना कर दिया है जिसमें उन्होंने 10 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की थी. यह राशि उन्होंने रजिस्ट्री के पास विदेश जाने की शर्त पर जमा करवाई थी. अदालत ने उनसे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ के सामने मामले का उल्लेख करने के लिए कहा है.
Supreme Court declines to consider a petition of Karti Chidambaram seeking to release Rs 10 Crore he had deposited with registry as a condition to travel abroad earlier. Supreme Court asks him to mention the matter before a Bench of Chief Justice India Ranjan Gogoi. (File pic) pic.twitter.com/SpiTiND0Zh
— ANI (@ANI) May 14, 2019
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 30 जनवरी को कार्ति चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल के यहां दस करोड़ रूपए जमा कराने के बाद विदेश जाने की अनुमति दी थी. साथ ही उन्हें आगाह किया था कि अगर उन्होंने आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों की जांच में सहयोग नहीं किया तो उनके साथ सख्ती की जायेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर कार्ति को एक लिखित आश्वासन दाखिल करने का निर्देश दिया था जिसमें उनकी उड़ानों का विवरण और भारत लौटने की तारीख हो.जांच एजेंसी ने इससे पहले विदेश जाने के लिये कार्ति के आवेदन का विरोध किया था और कहा था कि वह सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं और जांच में सहयोग भी नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से जांच पूरी होने में विलंब हो रहा है. जांच एजेंसी ने न्यायालय से कहा था कि पिछले छह महीने में कार्ति चिदंबरम 51 दिन विदेश रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 18 सितंबर को कार्ति को 20-30 सितंबर तक ब्रिटेन जाने की अनुमति प्रदान की थी.कार्ति के खिलाफ अनेक आपराधिक मामलों में प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो जांच कर रहा है. इसमें आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रूपए का विदेशी धन प्राप्त करने के प्रस्ताव को विदेशी निवेश संर्वद्धन बोर्ड की मंजूरी से संबंधित मामला भी शामिल है. आपको बता दें कि आईएनएक्स को जब इसकी मंजूरी दी गयी थी तो कार्ति के पिता पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे.