चुनावी बांड : सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की पूरी जानकारी साझा करने के दिए आदेश

फिलहाल इलेक्टोरल बांड पर रोक नहीं लगाई गई है और न ही दानकर्ताओं की पहचान सार्वजनिक करने का आदेश दिया है.

फिलहाल इलेक्टोरल बांड पर रोक नहीं लगाई गई है और न ही दानकर्ताओं की पहचान सार्वजनिक करने का आदेश दिया है.

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Sunil Mishra
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चुनावी बांड : सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की पूरी जानकारी साझा करने के दिए आदेश

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम फैसला सुनाते हुए सभी दलों से 30 मई तक सीलबंद लिफाफे में चुनाव आयोग को चंदे की जानकारी देने को कहा. अभी तक जो डोनेशन मिली है और 15 मई तक जो मिलेगी, उसकी पूरी जानकारी 31 मई तक चुनाव आयोग को जानकारी देनी होगी. फिलहाल इलेक्टोरल बांड पर रोक नहीं लगाई गई है और न ही दानकर्ताओं की पहचान सार्वजनिक करने का आदेश दिया है. इस लिहाज से सरकार के लिए ये आदेश कोई बहुत झटका नही कहा जा सकता. हां, कोर्ट में पेश चुनाव आयोग की आपत्तियों का कोर्ट ने ज़रूर ध्यान रखा है.

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा था- अगर पारदर्शी राजनीतिक चंदा के लिए शुरू किए गए चुनावी बॉन्ड के क्रेताओं की पहचान नहीं है तो चुनावों में कालाधन पर अंकुश लगाने का सरकार का प्रयास ‘निरर्थक’ होगा. केंद्र ने इस योजना का यह कहते हुए समर्थन किया था कि इसके पीछे का उद्देश्य चुनावों में कालाधन के इस्तेमाल को खत्म करना है. इस कारण न्यायालय इसमें हस्तक्षेप न करे. केंद्र ने कोर्ट से कहा था कि वह चुनाव के बाद इस बात पर विचार करे कि इसने काम किया या नहीं.

मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के सामने केंद्र ने कहा था, जहां तक चुनावी बॉन्ड योजना का सवाल है तो यह सरकार का नीतिगत फैसला है और नीतिगत फैसला लेने के लिए किसी भी सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता है.

Source : Arvind SIngh

Supreme Court Political Parties electoral bonds
      
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