सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व सांसदों को जीवनभर दी जाने वाली पेंशन को समाप्त करने की मांग संबंधी एक याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायालय इस मामले में एनजीओ लोक प्रहरी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में बताया गया है कि 82 प्रतिशत सांसद 'करोड़पति' हैं और गरीब करदाताओं पर उनकी पेंशन या उनके परिवार की पेंशन के खर्च का भार नहीं डाला जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा, 'हम सहमत हैं कि यह एक आदर्श स्थिति नहीं है, लेकिन हम इस पर फैसला नहीं कर सकते।'
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हालांकि, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पूर्व सांसदों को पेंशन दिए जाने के पक्ष में कहा कि उनकी गरिमा को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने यह कहकर सांसदों को यात्रा भत्ता दिए जाने के प्रावधान का भी पक्ष लिया कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों की यात्रा भी करनी पड़ती है।
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Source : IANS