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सुप्रीम कोर्ट का आदेश- 10 दिन में सभी बोर्ड 12वीं की मूल्यांकन नीति बताएं, 31 जुलाई तक घोषित करें नतीजे

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य शिक्षा बोर्ड को 10 दिन के अंदर 12वीं क्लास की मूल्यांकन नीति बताने का आदेश दिया है. एक याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को 31 जुलाई तक 12वीं के नतीजे भी घोषित करने का आदेश दिया है.

Updated on: 24 Jun 2021, 02:48 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य शिक्षा बोर्ड को 10 दिन के अंदर 12वीं क्लास की मूल्यांकन नीति बताने का आदेश दिया है. एक याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को 31 जुलाई तक 12वीं के नतीजे भी घोषित करने का आदेश दिया है. हालांकि कोर्ट ने सभी राज्यों के लिए मूल्यांकन की एक समान नीति पर फैसला देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि राज्य और उनके बोर्ड अपनी नीति बनाने को स्वतंत्र और स्वायत्त हैं. लिहाज़ा उनके अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देंगे. 

सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड समेत लगभग सभी राज्यों के बोर्ड ने 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी है. हालांकि आंध्र प्रदेश ने अभी परीक्षा रद्द नहीं की है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि वो सामाजिक और शारीरिक दूरी के सिद्धांत का पालन करते हुए हरेक परीक्षा कक्ष में 15 से 20 छात्रों को बिठाने के इंतजाम कैसे करेंगे. कोर्ट ने आंध्र सरकार के हलफनामे के हवाले से कहा कि आपके यहां कुल परीक्षार्थियों के लिए कम से कम 34 हजार 600 कमरों की जरूरत होगी, कैसे मैनेज करेंगे? जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि आपने जुलाई के आखिरी हफ्ते में इम्तिहान आयोजित करने की बात कही है, अव्वल तो स्थिति अनिश्चित है, आपने इम्तिहान करा भी लिया तो नतीजे कब तक दे पाएंगे? देश-विदेश के विश्वविद्यालय आपके नतीजों का इंतजार करेंगे क्या?

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सभी राज्यों के लिए एकसमान व्यवस्था नहीं
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पूरे भारत में सभी राज्य बोर्डों के मूल्यांकन के लिए एक समान योजना नहीं हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने बारहवीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ऐसा आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई और आईसीएसई परीक्षा को लेकर मूल्यांकन योजना पर अपनी सहमति दी थी. 

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CBSE ने ये दिया था फॉर्मूला
कोरोना के कारण सीबीएसई और आईसीएसई समेत सभी राज्यों ने 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी थीं. CBSE और ICSE बोर्ड द्वारा सुप्रीम कोर्ट में मूल्यांकन का फॉर्मूला दिया गया जिस पर सुप्रीम कोर्ट अपनी सहमति दे चुका है. इस फॉर्मूले के तहत 12वीं के रिजल्ट में छात्रों को 30 फीसदी वेटेज 10वीं के रिजल्ट को, 30 फीसदी वेटेज 11वीं फाइनल के रिजल्ट को और 40 फीसदी वेटेज 12वीं प्री-बोर्ड के रिजल्ट को दिया जाएगा. 12वीं की मार्केशीट तैयार करने की डिटेल देते हुए सीबीआई ने कहा कि 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा, इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम और प्रेक्टिकल का नंबर लिया जाएगा. 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर का 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर नतीजे आएंगे. सीबीएसई ने कहा कि जो बच्चे परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए बाद में अलग व्यवस्था की जाएगी.